
आखिर शहर में कब लगेगा नशे पर अंकुश, पुलिस की कार्यवाही से नहीं डरे तस्कर, खुल्लेआम बेचते है एमडी







आखिर शहर में कब लगेगा नशे पर अंकुश, पुलिस की कार्यवाही से नहीं डरे तस्कर, खुल्लेआम बेचते है एमडी
बीकानेर(शिव भादाणी )। छोटी काशी के नाम से जाने वाला सबसे शांत शहर बीकानेर में कुछ असामाजिक तत्वों ने इसकी आबोहवा को बिगडऩे में लगे हुए है। उनका एक लक्ष्य है इस शहर के युवाओं को इस कदर नशे में जकड़ दो कि वो आने वाले समय में सिर्फ नशे में पड़े रहे। शहर बीकाणा जिसमें युवा अपनी मस्ती में ही रहते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से शहर में नशे का शौक युवाओं में इस कदर चढ़ा है कि ये अब उनकी फैशन बन गया है शाम गहराते ही अच्छे घराने के लडक़े नशा बिकने वाले स्थानों पर पहुंच जाते है जहां पहले से नशे के तस्कर मौजूद रहते है जिसमें एमडी, गांजा, चरस, कफ शीरप आदि कई प्रकार का नशा उनको आसानी से मिल जाता है। जब इसकी तह तक जाने की कोशिश की तो बड़े चौकान्ने वाली सामने आई जिसमें नशे का सबसे बड़ा अड्डा नयाशहर व कोतवालनी इलाका है जिसमें सबसे ज्यादा तस्कर रहते है और पुलिस को भी इसकी जानकारी है लेकिन पुलिस उन पर हाथ नहीं डालती क्योकि उनकी सैटिंग थानाधिकारी तक होती है। उसने बताया कि नशे के तस्करों ने इलाकों में अपने अपने ठिकाने बना रखे है जो शाम होते ही सक्रिय हो जाते है जिसमें मुरलीधर व्यास कॉलोनी रोड, करमीसर रोड़, हरलोई हनुमान मंदिर के पीछे, अग्निशमन केन्द्र के आस पास, जनता प्याऊ, नत्थुसर गेट आदि ऐसे इलाके है जहां शाम होते ही युवाओं की भारी भीड़ देखने को मिलेगी जो समय पर नशे का सामान लेकर रवाना हो जाते है। सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली कि करमीसर के रास्ते व चुंगी के रास्ते तस्कर बिना नंबर की कैंपर व अन्य गाड़ी लेकर आते है और अपने ग्राहकों को नशे का सामन देकर जाते है। इसकी जानकारी पुलिस के पास है लेकिन पुलिस उन पर हाथ नही डालती है। मजे की बात तो यह है कुछ पुलिसकर्मी भी इस में शामिल होने की सूचना है पहले भी एक पुलिस अधिकारी इसमें लिप्त होने पर उसको नौकरी से हाथ धोना पड़ गया था।
देर रात तक खुला रहता है शराब का ठेका
हमारी टीम जब रात को दस बजे नत्थुसर गेट के बाहर जनता प्याऊ वाली सडक़ पर पहुंची तो फास्टफूड की दुकान के सामने युवाओं की काफी भीड़ थी जब रुककर देखा तो एक शराब का ठेका था जो आगे से बंद था लेकिन एक गली में युवा खड़े थे जो ठेके की एक दिवार में हाथ डालकर शराब ले रहे थे। जबकि दो दिन पहले ही पुलिस ने गुप्त तरीके से जांच करने पर रात को शराब के ठेके खुले रहने की बात सामने आई थी।
महिलाओं को हर समय खतरा
हरलोई हनुमान मंदिर के पास के करीब भगवान के दस मंदिर है जहां शाम होते ही महिलाएं व बालिकाएं मंदिर आती है लेकिन शराबियों व नशेडियों ने उस पूरी सडक़ को शाम होते ही अपने कब्जे में ले लेते है जिससे मंदिर आने जाने वाली महिलाओं को हर समय डर से बना रहता है। ऐसा लगता है पुलिस की शह से सब होता है क्योकि पुलिस की गश्त नहीं होती है। जिससे इन नशेडियों के हौसले बुलंद हो गये है।
दो दिन पहले ही हुआ झगड़ा
सूत्रों ने बताया कि दो दिन पहले ही कुछ लडको के बीच जनता प्याऊ के पास भयंकर झगड़ा हुआ दोनों पक्ष एक दूसरे को मारने मरने पर उतारु थे। उनमें से कई जनों ने एमडी तो कुछ ने शराब का सेवन कर रखा था। पहले भी इसी इलाके में नशेडिय़ों ने मिलकर एक युवक को इस कदर पीटा की उसकी मौत हो गई थी। फिर भी पुलिस इस इलाके में सक्रिय नहीं है।
नशे का सबसे अड्डा रात को खुलने वाली दुकानें
अगर देखा जाये तो नशे के तस्कर देर रात तक शहर के अंदर घुमते रहते है क्योकि शहर के बारहगुवाड़ा, नत्थुसर गेट, मोहता चौक, जस्सूसर गेट, भट्टडों का चौक सहित कई ऐसे इलाके है जहां रातभर खाने पीने का सामान मिलता है जिससे तस्कर देर रात तक इन दुकानों पर घुमते नजर आते रहते है। शहर से ५ से ७ किलोंमीटर तक के लोग शहर में घुमते रहते है।
पुलिस नहीं है जिम्मेदार
अगर देखा जाये तो पुलिस किसी भी तरह से अपना काम जिम्मेदारी से नहीं करती है बस गाड़ी में बैठकर होर्न बजाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर लेती है उसके भरोसे तस्कर नहीं पकड़े जायेंगे।


