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खुलासा ने जो बताया , वही रिज़ल्ट आया / महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी : ABVP को मजबूत कैडर का मिला फायदा, जीत के फैक्टर क्या रहे?

खुलासा न्यूज़, बीकानेर । बीकानेर छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई और एबीवीपी ने मिला जुला प्रदर्शन किया है। महाराजा गंगा सिंह युनिवर्सिटी में जहां एबीवीपी ने परचम फहराया है, वहीं संभाग के सबसे बड़े डूंगर कॉलेज और महारानी सुदर्शन गर्ल्स कॉलेज में एनएसयूआई ने जीत दर्ज की है।

बात की जाए तो एमजीएसयू यूनिवर्सिटी की तो यहाँ छात्रसंघ अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह को लेकर खुलासा सर्वे रिपोर्ट सच साबित हुई है। यूनिवर्सिटी को लेकर दिया सर्वे भी सटीक रहा।

यहां चुनावों में राजपूत और जाट फैक्टर निर्णायक भूमिका निभाता है। ABVP के लोकेंद्र सिंह (275 वोट) के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार भवानी सिंह तंवर (259) भी राजपूत जाति से टक्कर में थे। ऐसे में राजपूत वोट बंटे तो जरूर लेकिन इसका फायदा तीसरे निर्दलीय भैराराम (51 वोट) को नहीं मिल पाया।

लोकेन्द्र सिंह की जीत के फैक्टर क्या रहे?
– सबसे पहला फैक्टर NSUI का उम्मीदवार नहीं उतारना, दूसरा राजपूत कैंडिडेट होने के कारण जातिगत फायदा मिलना और तीसरा ABVP का मजबूत कैडर।
– पिछली 2 बार से यहां ABVP जीतती आई है, स्टूडेंट के बीच मौजूदगी दिखती है। इसका असर ये हुआ कि महासचिव पद भी जिता लिया।

ABVP का मतलब राजपूत
दरअसल, यूनिवर्सिटी में राजपूत और एबीवीपी के नेता सालभर सक्रिय रहते हैं, वहीं अन्य संगठनों के नेता यहां कम नजर आते हैं। एडमिशन्स के टाइम भी एबीवीपी के नेता ही सबसे आगे रहते हैं। ऐसे में छात्र संघ चुनाव का गणित एडमिशन के समय ही तय कर लिया जाता है।

NSUI क्यों नहीं उतरी मैदान में
– एनएसयूआई को पहले से अपनी हार का एहसास था, इसलिए किसी भी प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। एनएसयूआई के नेताओं ने घोषित तौर पर किसी प्रत्याशी को समर्थन तक नहीं दिया।

– छात्र संख्या कम होने के कारण प्रमुख छात्र संगठन सालभर यहां काम नहीं करते। ना ही जातीय आधार पर छात्र राजनीति करने वाले स्टूडेंट्स यहां दमखम दिखाते हैं। जब से युनिवर्सिटी में एग्जाम हो रहे हैं, तब से यहां राजपूत जाति से ही अध्यक्ष रहा है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। NSUI ने भी यहां उतरना ठीक नहीं समझा।

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