शिक्षा विभाग का ये कैसा आदेश जहां न स्टाफ नं बच्चे वहां लाइटिंग करके सिर्फ पैसों की बर्बादी?

शिक्षा विभाग का ये कैसा आदेश जहां न स्टाफ नं बच्चे वहां लाइटिंग करके सिर्फ पैसों की बर्बादी?

शिक्षा विभाग का ये कैसा आदेश जहां न स्टाफ नं बच्चे वहां लाइटिंग करके सिर्फ पैसों की बर्बादी?

खुलासा न्यूज़, बीकानेर। दीपावली पर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों पर लाइटिंग की जाएगी। न सिर्फ दीपावली बल्कि दीपोत्सव के सभी दिनों में स्कूलों पर विशेष साज सजावट की जाएगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने कोई अतिरिक्त बजट नहीं दिया है, बल्कि स्टूडेंट फंड का ही उपयोग करना होगा। प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल समसा के बजट का उपयोग कर सकेंगे और बैंक में जमा राशि के ब्याज से भी ये काम हो सकता है। लेकिन सवाल तो ये ही खड़ा होता है की जहां न स्टाफ नं बच्चे वहां लाइटिंग करके क्या फायदा होगा। क्या ये सिर्फ और सिर्फ पैसों की बर्बादी नहीं है। लाइटिंग चालू रहने से बिल्डिंग में कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है। क्योंकि सभी स्टाफ छुट्टी पर रहेंगे। बजट तो पहले से ही कम है। इससे अच्छा तो बिल्डिंग में काम हो तो अच्छा होगा। ताकि बच्चे एक अच्छी छत के नीचे पढ़ाई कर सके। लाईटिंग से पैसों की भी बर्बादी और बजट भी बर्बाद होगा। स्कूलों की बदहाल बिल्डिंगो को सही करवाना चाहिए। जिससे विद्यार्थियों को लंबे समय तक फायदा हो।

आदेश में ये भी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि दीपावली से पहले सभी स्कूलों में मरम्मत का काम शुरू हो जाना चाहिए। दीपावली के दीपोत्सव के लिए तय सभी दिनों तक स्कूल बिल्डिंग पर लाइटिंग होनी चाहिए। ये लाइटिंग 18 अक्टूबर से दीपावली तक लगातार रहेगी। इससे पहले 17 अक्टूबर तक स्कूलों में साफ सफाई व रंग रोगन अभियान चलेगा। निदेशक जाट ने सभी स्कूल प्रिंसिपल को आदेश दिया है कि वो अपने आसपास के चित्रकार से ही स्कूल परिसर में पेंटिंग करवा सकता है। ये काम स्थानीय चित्रकार से ही करवाना होगा, ताकि स्थानीय कलाकारों को रोजगार मिल सके।

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