
नि:शुल्क दवा योजना के तहत 15 दवा का सैंपल फैल की खबर का क्या है पूरा सच पढ़ों पूरी खबर






जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई होने वाली दवाइयों के सैंपल फेल मिले हैं। इनमें कैल्शियम, विटामिन-डी, एमोक्सिसिलिन, लिवोसेटिरिजिन सॉल्ट से बनी टैबलेट-कैप्सूल समेत इंसुलिन इंजेक्शन, कैथेटर शामिल हैं। ये दवाइयां कैडिला, अलायंस बायोटेक, मर्करी लैबोरेट्रीज जैसी नामी कंपनियों से सप्लाई की जाती हैं।
सैंपल फेल होने के बाद राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (आरएमएससी) ने इन सभी कंपनियों की दवा सप्लाई पर रोक लगा दी है। साथ ही कंपनियों को भी दवाइयों की सप्लाई रोकने के लिए कहा है।
आरएमएससी की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने बताया- हमने जब से कंपनियों की दवाइयों के सैंपल की जांच करवाई है। तब से अब तक बनने वाले तमाम बैच को रोका है और उनकी जगह दूसरी कंपनियों की दवाइयों की व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि 14 कंपनियां हैं, जिनकी 15 दवाइयों के सैंपल फेल मिले हैं यानी उनमें मानक से निचले स्तर का सॉल्ट मिला है।
इसमें जेपीईई ड्रग्स को विटामिन-ए पीडियाट्रिक ओरल सॉल्यूशन (विटामिन-ए कॉन्सेंट्रेट ऑयल), एंजीप्लास्ट प्रा. लि. को कैथेटर (साइज-10), इन स्विफ्ट लिमिटेड को एलिमेंटल कैल्शियम 500 मिलीग्राम, विटामिन-डी3-250 आईयू, अलायंस बायोटेक को लिवोसेटिरिजिन टैबलेट-5एमजी की सप्लाई बंद करने के आदेश दिए हैं।
इन दवाओं पर भी लगी रोक
अस्तम हेल्थ केयर प्रा. लि. की एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट टैबलेट-500 एमजी प्लस 125 एमजी।
मेरिल डायग्नोस्टिक प्रा.लि. की एंटी बी मोनो क्लोनल सीरम।
कैडिला फार्मास्युटिकल्स के बाइफैसिक आइसोफेन इंसुलिन इंजेक्शन-40 आईयू/एमएल।
विंग्स बायोटेक और स्कॉट एडिल फार्मेसिया लि. की मेटफॉर्मिन एचसीएल-500, ग्लिमेपिराइड-1 एमजी।
मेडिपोल फार्मास्युटिकल्स इंडिया प्रा. लि. की डोम्पेरिडोन ओरल ड्रॉप्स-10एमजी।
अलायंस बायोटेक को क्लोमीफीन टैब-50 एमजी।
रीवप्रा फोरम्यूलेशन प्रा.लि. की कफ सिरप (एक्सपेक्टरेंट 50 एमआई)।
मर्करी लैबोरेट्रीज लि. की पैरासिटामोल टैब-500 एमजी।
आईओएन हेल्थ केयर प्रा. लि. की पैंटोप्राजोल-40 एमजी और डोमपरिडोन-30 एमजी।
एगरोन रेमेडीज प्रा. लि. की विटामिन डी टैबलेट कैल्शियम यूएसपी, कोलेकैल्सीफेरॉल और विटामिन-डी3 टैबलेट
इनका कहना है
ऐसा कुछ नहीं है सारी पैरासिटामोल या पैटोप्राजोल का सैंपल फैल नहीं हुए है जिसका सैंपल फैल होता है उसको अस्पतालों में वितरण के लिए नहीं भेजी जाती है पहले प्रत्येक दवा का सैंपल चैक होने के बाद ही वेयर हाऊस आती है उसके बाद ही उनको अस्पताल में भेजी जाती है। अगर किसी दवा का सैंपल फैल होता है तो उसको तुरंत वेयर हाऊस से ही वापस भेज दी जाती है या डिस्ट्रोय कर दी जाती है।
डॉ. नवल गुप्ता


