
आखिर क्या हो गये हमारे शहर की बेटियों को खुले में फूंकेती है नशा, देखे वीडियों






आखिर क्या हो गये हमारे शहर की बेटियों को खुले में फूंकेती है नशा, देखे वीडियों
बीकानेर। युवाओं में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है। युवतियां भी खुलेआम चरस-गांजा और सिगरेट फूंकती हैं और स्मैक का सेवन करती हैं। वे सोशल मीडिया अकाउंट पर नशे का वीडियो-फोटो अपलोड करती हैं। युवा पीढ़ी की सांसों में नशे का जहर घोल रहे सौदागरों के खिलाफ एक्शन लेने वाले पुलिस के हाथ मंथली के बोझ तले दबे नजर आ रहे हैं।
बीकानेर जिले में 16 से 30 साल तक न जाने कितने ही ऐसे युवा हैं, जो चरस-गांजा और स्मैक की गिरफ्त में हैं। इनमें युवतियों की संख्या भी काफी अधिक है। युवक और युवतियां पार्क या सुनसान इलाकों में जाकर दिन में कई बार सिगरेट या ओसीबी पेपर (सफेद बटर पेपर) में चरस-गांजा भरकर फूंकते हैं तथा स्मैक का सेवन करते हैं। बीकानेर के काफी युवा इसे अपना शौक मानते हैं। यार-दोस्तों में टशन दिखाने के लिए अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट पर चरस-गांजा फूंकते और स्मैक व शराब का सेवन करते फोटो-वीडियो तक अपलोड करते हैं।
नशे के सौदागरों के ठिकानों तक पहुंच रहीं युवतियां
शहर के मुक्ता प्रसाद, भुट्टा का चौराहा, भाटो का बास, हरलोई हनुमान मंदिर, गोपेश्वर बस्ती, गोगागेट, जस्सूसर गेट, पीबीएम अस्पताल के पास, तुलसी सर्किल, गांधी पार्क के पास, कचहरी परिसर, गंगानगर चोराहा, लालगढ़, कादरी कॉलोनी, करमीसर रोड, मुरलीधर व्यास कॉलोनी, एमएस कॉलेज के पास आदि नशे के सौदागरों के ठिकाने हैं। यहां चरस-गांजा और स्मैक आदि अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं। नशे के सौदागरों के इन ठिकानों पर नशे के आदी युवकों के साथ-साथ कुछ लड़कियां भी पहुंच रही हैं।
बीकानेर शहर में चरस-गांजा और सिगरेट फूंकने या स्मैक का सेवन करने के कई ठिकाने बन चुके हैं। जस्सूसर गेट, पूगल फांटा रोड़, नत्थुसर गेट,फड़बाजार, कोतवाली थाना इलाके में भी नशा बिकता है। शहर के अंदर कई ऐसे इलाके है जहां नशे के तस्कर आजकर दिन में ही नशे का सामने दे देते है। सहित शहर में जगह-जगह चाय की थडिय़ों पर बैठकर युवा नशे का सेवन कर रहे हैं।
परिजन और समाज भी उतने ही जिम्मेदार
युवा पीढ़ी को नशे की दलदल में धकलने के पीछे जितनी जिम्मेदार पुलिस है, उससे भी कहीं ज्यादा जिम्मेदार उनके पेरेंट्स और समाज है। युवक-युवतियां जब नशे की लत में पड़ते हैं तो उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है। वे अपने पर्स या जेब में नशे का सामान रखते हैं। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अपनी नशे की फोटो-वीडियो अपलोड कर रहे हैं, लेकिन पेरेंट्स का उन पर जरा भी ध्यान नहीं देते। अपने बच्चों को नशे की लत से दूर रखने या बचाने के लिए पेरेंट्स को उनके व्यवहार में बदलाव पर ध्यान रखना चाहिए। बच्चों से ऐसा व्यवहार रखें कि वे खुद को अकेला महसूस न करें तथा हर बात अपने पेरेंट्स से शेयर करें। पेरेंट्स अपने बच्चों की संगत, सोशल मीडिया अकाउंट और गतिविधियों पर निगरानी भी रखें। ताकि वे नशे की लत से दूर रखा जा सके।
युवतियों के लिए ज्यादा खतरनाक
नशे की लत के कारण महिलाओं में विटामिन्स की कमी हो जाती हैं और वे कुपोषण की शिकार हो जाती हैं। इससे उन्हें इनफर्टिलिटी में परेशानी आती है तथा प्रेग्नेंसी के दौरान भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अबोर्शन के चांस भी ज्यादा रहते हैं। मेडिकल डिस्आर्डर होने के कारण उन्हें बीपी, शुगर, लंग्स व हार्ड सम्बन्धी बीमारी तथा कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है।
स्वाति फलोदिया
एचओडी जनाना अस्पताल पीबीएम


