ऐसा क्या हो गया कि सरकार अचानक लॉकडाउन पर विचार करना पड़ा - Khulasa Online ऐसा क्या हो गया कि सरकार अचानक लॉकडाउन पर विचार करना पड़ा - Khulasa Online

ऐसा क्या हो गया कि सरकार अचानक लॉकडाउन पर विचार करना पड़ा

जयपुर। राजस्थान में 26 सितम्बर को प्रस्तावित जयपुर जिला प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है। इस दिन पूरे शहर में करीब 1.76 लाख अभ्यर्थी एग्जाम देने आएंगे। इतनी बड़ी संख्या में भीड़ आने से जयपुर शहर का ट्रैफिक सिस्टम बिगडऩे का अंदेशा है। इसे मैनेज करने को लेकर शुक्रवार शाम चार बजे कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें पुलिस, जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. , आरटीओ, नगर निगम और जेडीए अधिकारी शामिल हुए। शहर में वाले दिन आंशिक लॉकडाउन लगाने पर भी विचार किया गया।
दुकानें और ऑफिस बंद रखने पर विचार
कलेक्टर ने 26 सितम्बर को शहर में दुकानें, ऑफिस समेत अन्य संस्थान बंद रखने का सुझाव दिया। ताकि लोगों की आवाजाही कम हो। इससे भीड़भाड़ नहीं होगी। बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने तर्क दिया कि आंशिक लॉकडाउन का निर्णय गृह विभाग के स्तर पर लिया जा सकता है। इसके लिए अलग से प्रस्ताव बनाकर भेजना पड़ेगा।
शहरी सीमा के बाहर अस्थायी बस स्टैंड बनाने के निर्देश
जयपुर शहर में दूसरे शहरों से आने वाली रोडवेज और प्राइवेट बसों को शहर के बाहर ही रोकने के लिए अस्थायी बस स्टैंड बनाने पर भी विचार किया गया। सिंधी कैंप बस स्टैंड पर अचानक ज्यादा भीड़ से बचा जा सकेगा। परीक्षा खत्म होने के बाद अधिकांश स्टूडेंट्स सीधे सिंधी कैंप बस स्टैंड पर ही पहुंचेंगे। अचानक बड़ी संख्या में भीड़ आने से सिंधी कैंप, रेलवे स्टेशन समेत आस-पास के क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। इसे रोकने के लिए जयपुर शहर के एंट्री पॉइंट पर कोई बड़ी खाली जगह चिह्नित करके अस्थायी बस स्टैंड बनाने के निर्देश आरटीओ अधिकारियों को दिए। साथ ही, इन अस्थायी बस स्टैंड से पब्लिक ट्रांसपोर्ट (सिटी बस, मैजिक, ई-रिक्शा इत्यादि) के जरिए स्टूडेंट्स या अन्य लोगों को जयपुर शहर में लाने की व्यवस्था की जाएगी।
सामुदायिक केन्द्र खोलने के निर्देश
कलेक्टर ने बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारियों को सरकारी सामुदायिक केंद्र को एग्जाम वाले दिन और उससे एक दिन पहले खाली रखने और उसमें स्टूडेंट्स के ठहरने की व्यवस्था करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स एक दिन पहले ही शहर में पहुंच जाएंगे। ऐसे में उनके ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इसके लिए सामुदायिक केंद्रों में व्यवस्था करने के लिए कहा गया।

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