
ऐसा क्या किया इस थानाधिकारी की पूरे जिले में हो रही तारीफ






बीकानेर। सदियों से चली आ रही रुढिय़ों को समाप्त करने के लिए अपने ही घर से शुरुआत करनी पड़ती है। तब कहीं जाकर समाज में बदलाव आता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बीकानेर के छत्तरगढ़ थानाधिकारी जयकुमार भादू ने। उन्होंने अपने बेटे अर्पित भादू की बिना दहेज शादी कर एक मिशाल पेश की है। उन्होंने दुल्हन पक्ष से सिर्फ एक रुपए व नारियल लेकर पूरी शादी कर समाज में संदेश दिया है। हरियाणा के चौटाला निवासी अश्वनी कुमार सहारण की बेटी सिमरन से 4 दिसंबर को पंजाब के मलोट के सिल्वर पाम रिसोर्ट में अर्पित भादू की शादी हुई।
दुल्हन के पिता ने फेरे की रस्मों के बीच लेनदेन, नकदी सहित सभी रीति-रिवाज पूरे करने की जिद की। दूल्हे के पिता जय कुमार भादू एसएचओ पुलिस थाना छतरगढ़़ निवासी बड़ोपल सूरतगढ़ हाल निवासी श्रीगंगानगर ने शादी में हर चीज के लिए साफ मना कर दिया। यहां तक की रिश्तेदारों की मिलनियां भी नहीं ली। इसके अलावा बैंडबाजा किराया तक भी दुल्हन पक्ष से नहीं लिया। दूल्हे के पिता जय कुमार भादू ने बताया कि शादियों में दहेज की कामना रखने वालों को संदेश देने के लिए ये पहल की है। बहू के रूप में कन्या धन की प्राप्ति होने के बाद दहेज कोई मायने नहीं रखता। बदलते दौर में दहेज प्रथा एक बड़ी बुराई है। इन्हीं विचारों की जीवन में अपनाते हुए मिलनियों में न अंगूठी और न ही कंबल लिए।
बेटे अर्पित भादू ने बताया कि उसे खुशी है कि शादी बिना दहेज हुई। आज देशभर में कन्याओं पर दहेज की कामना को लेकर अत्याचार हो रहे हैं। हजारों-लाखों घर यूं ही फिजूल के दिखावे में बर्बाद हो रहे हैं।


