आपका स्वागत है, मुस्कराइये गंदगी, टूटी सड़कें, गंदे पानी वाले नगर निगम बीकानेर में आपका स्वागत है
जगह-जगह लगे गंदगी की ढेर, आखिर कैसे सुधरेगी स्वच्छता रैंकिंग
बीकानेर। शहर में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर और गंदगी ने आम जन का हाल बेहाल कर रखा है। जहां से भी निकलों कहीं न कहीं गंदगी नजर आ ही जाएगी। ऐसे में इस स्थिति में आखिर कैसे स्वच्छता रैंकिंग में सुधार होगा यह भी एक बड़ा सवाल है। बीते तीन सालों की बात करें तो बीकानेर की स्वच्छता रैंकिंग में बढ़ोतरी ही देखने को मिली है। यहां नगर निगम की ओर से सुधार को लेकर कोई ठोस कदम भी नहीं उठाया गया। यहां तक की महापौर ने भी इस तरफ पिछले पांच सालों में भी कभी ध्यान दिया ही नहीं। दो या चार निरीक्षण को छोड़ दिया जाए तो महापौर जी कभी फिल्ड में दिखी ही नहीं। ऐसे में जब वह खुद ही शहर की स्वच्छता को लेकर गंभीर नहीं है तो बाकि कैसे होंगे। जबकि इसको लेकर सबसे बड़ी जिम्मेदारी महापौर की है। वह फिल्ड में जाए निरीक्षण करें। स्वच्छता रैंकिंग में सुधार कैसे हो इसको लेकर प्लान तैयार करें। लेकिन ऐसा कभी हुआ ही नहीं। स्वच्छता रैंकिंग की बात करें तो चार माह पहले ही इसका परिणाम आया, जिसमें देश के 446 शहरों में बीकानेर 342 वें पायदान पर था। हालात तो यह है की प्रदेश में 10 नगर निगम है और बीकानेर 18 वें स्थान पर है। रैंक में फिसलते नगर निगम का लेवल पालिका और परिषद् के स्तर पर जा पहुंचा है। अभी तो बारिश का मौसम भी शुरू नहीं हुआ है, क्योंकि बारिश के मौसम में जगह-जगह होने वाला जलभराव की स्थिति किसी से भी छुपी हुई नहीं है। कुछ दिन बाद आनन-फानन में नालों की सफाई की जाएगी। लेकिन जैसे ही मानसून की बारिश होगी वो ही नाले भरें हुए मिलेंगे। ऐसे में स्वच्छता रैंकिंग के सुधार को लेकर अब तो कोई न कोई ठोस प्लान बनाने की आवश्यकता है, जिससे बीकानेर की स्वच्छता रैंकिंग में कुछ तो सुधार हो सके।
शहर की सड़कों की हालात खराब
अगर देखा जाये शहर की सड़कें चलने लायक है ही नहीं जगह में गड्ढे हो रखें है। गंदगी के ढेर लगे हुए पड़े हैं देखने में कहीं से भी नहीं लगता है बीकानेर नगर निगम है ।