
आईजीएनपी में पानी घटा, चीफ इंजीनियर ने हरिके बैराज पहुंचकर जांची गेज






हनुमानगढ़। इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पिछले कई दिनों से पानी की मात्रा घटने से जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। चीफ इंजीनियर अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने हरिके के बैराज का निरीक्षण कर राजस्थान को मिल रहे पानी मात्रा जांची। इस दौरान निर्धारित मात्रा में पानी मिलना पाया गया। इसके बाद उन्होंने विभिन्न स्थानों पर आईजीएनपी का भी निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार इंदिरा गांधी नहर के प्रथम चरण का शेयर पूरा करने के बाद द्वितीय चरण को 3100 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए।तीन दिन पहले पानी की मात्रा घटकर यहां 2400 क्यूसेक ही रह गई। इस कारण अंतिम छोर तक पूरा पानी नहीं पहुंच रहा था। इस पर चीफ इंजीनियर ने हरिके बैराज का निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान तय मात्रा में पानी मिलना पाया गया। चीफ इंजीनियर अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने बताया कि शुक्रवार को बिरधवाल हेड से नीचे पानी बढ़कर 2900 क्यूसेक हो गया।आगामी एक-दो दिनों में निर्धारित मात्रा के अनुसार 3100 क्यूसेक पानी होने की संभावना है। इसके बाद चीफ इंजीनियर ने सरहिंद फीडर के चल रहे रिलाइनिंग के काम का भी जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने पंजाब के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अब तक फीडर का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
रामगढ़ माइनर के आउटलेट्स की जांच के लिए कमेटी गठित: रामगढ़ माइनर के चक 3 व 4 आरजीएम के आउटलेट्स नीचे लगाए जाने के आरोप में बड़बिराना में किसान पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। चीफ इंजीनियर ने बताया कि कलेक्टर द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस माइनर में 5 मोघे ही लगे हुए हैं। एक पीएचईडी की पाइप लगी हुई थी। उसका साइज दुरुस्त करवा दिया गया है।
40 किलोमीटर होगी सरहिंद फीडर की रिलाइनिंग, तय अवधि में काम पूरा होने की उम्मीद
जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने बताया कि सरहिंद फीडर की रिलाइनिंग का काम चल रहा है। इस बार 40 किलोमीटर लंबाई में रिलाइनिंग का लक्ष्य तय किया गया था। अब तक 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। तय अवधि (27 दिसंबर तक) में काम पूरा होने की उम्मीद है। इससे भाखड़ा के साथ आईजीएनपी के किसानों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि फीडर की कुल 100 किमी रिलाइनिंग होनी है। शेष कार्य अगले वर्ष करवाया जाएगा। राजस्थान के अभियंता भी कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।


