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बीकानेर: नहर बंदी समाप्त होने के बाद भी जल संकट कायम, ये है वजह

बीकानेर: नहर बंदी समाप्त होने के बाद भी जल संकट कायम, ये है वजह
बीकानेर। नहर बंदी समाप्त होने के बाद भी शहरी क्षेत्र में जल संकट कायम है। घरों तक पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति नहीं पहुंचने से लोग महंगे दाम पर टैंकरों का पानी खरीदने को मजबूर है। अलग-अलग मोहल्लों में पड़ताल करने पर सामने आया कि अभी भी एक दिन के अंतराल पर कम प्रेसर से पेयजल आपूर्ति मिल रही है। दूसरी तरफ जलदाय विभाग दावा कर रहा है कि अब शहरी क्षेत्र में पानी की नियमित आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में जलदाय विभाग पर टैंकर वालों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर पानी की आपूर्ति कम देने के आरोप भी लग रहे है। नहर बंदी इस बार 11 दिन पहले ही समाप्त कर दी गई है। पहले नहरों में 21 मई को पानी दिया जाना था। परन्तु पाकिस्तान के साथ तनाव के चलते दस मई को ही नहरबंदी समाप्त कर हरीके बैराज से इंदिरा गांधी नहर में पानी छोड़ दिया गया। इसी के साथ जलदाय विभाग ने अगले दस दिन के लिए आरक्षित रखे पानी से नियमित आपूर्ति देने की बात कही। भीषण गर्मी में पानी की खपत ज्यादा होने और गरीब बस्तियों और मोहल्लों में घरों में पानी भंडारित कर रखने के लिए टंकिया नहीं होने से रोजाना मिलने वाली पेयजल आपूर्ति पर रहना पड़ता है। नियमित जलापूर्ति शुरू होने के बाद भी टैंकर वाले चांदी कूट रहे है। नहर बंदी के दौरान टैंकर वाले छह हजार लीटर पानी के आठ सौ से एक हजार रुपए तक वसूल रहे थे। अभी भी यही दर वसूल रहे है। कोई छत पर बनी टंकी में पानी डलवाता है तो उसका अलग से पैसे लेते है।

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