
राजस्थान में पानी के बिलों में इतने प्रतिशत की बढोत्तरी होने की संभावना






जयपुर। राजस्थान में रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल की दरें बढऩे के बाद अब आम आदमी पर एक और आर्थिक बोझ बढऩे जा रहा है. जल्द ही शहरों में पानी के बिल पर 33 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है. जानकारी के अनुसार ये बढ़त 55 शहरों में विकास के नाम पर लगाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (स्ञ्जक्क) के शुल्क के तौर पर पानी के बिलों में वसूली जाएगी. इस संबंध में डायरेक्ट्रेट लोकल बॉडी (ष्ठरुक्च) के निदेशक दीपक नंदी ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्यालय को पत्र लिखा है और शहरी इलाकों में पानी के बिल के साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट शुल्क वसूलने के निर्देश दिए हैं. वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार जरूरतमंद लोगों को मुफ्त पानी देने की घोषणा कर रहे हैं.
डीएलबी द्वारा राजस्थान के 55 शहरों में आरयूआईडीपी, आरयूडीएसआईसीओ और यूएलबी के साथ सीवरेज कनेक्शन और सीवरेज सिस्टम बनाने का दावा किया है. इसके साथ ही इससे संबंधित शुल्क पानी के बिल के साथ वसूलने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. ये निर्देश लागू होने के बाद पानी के बिलों में 33 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिलेगी.
15 लाख घरों को जोड़ा
नगरीय विकास विभाग का दावा है की 55 शहरों में सीवरेज एवं सीवरेज ट्रीटमेंट तैयार कर दिया गया है. 55 शहरों के 2311664 घरों में से 15.60 लाख घरों को सीवरेज सिस्टम से लाभांवित कर दिया गया है. अभी तक राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और बीकानेर में ही पानी के बिल के साथ साथ सीवरेज एंड सीवरेज ट्रीटमेंट शुल्क वसूला जा रहा है. अब अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बांसवाड़ा, बूंदी, बारां, बालोतरा, बड़ी सादड़ी, भादरा, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, चिड़ावा, चित्तौडग़ढ़, चूरू, धौलपुर, डीडवाना, फतेहपुर, गंगापुर सिटी, हनुमानगढ, हिंडौन सिटी, जैसलमेर, जैतरान, जालौर, झालावाड़, झालरापाटन, जोधपुर, झुंझुनूं, करौली, किशनगढ़, कोटा, कुशलगढ़, लक्ष्मणगढ़, मकराना, माउंट आबू, नागौर, नवलगढ़, निंबाहेड़ा, नोखा, पाली, पुष्कर, राजसमंद, रामगढ़, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, सीकर, सुजानगढ़, सुमेरपुर, सूरतगढ़, टोंक और उदयपुर की आबादी से भी वसूला जाएगा.
स्वायत्त शासन विभाग के अनुसार इन सभी शहरों में कुल 142 एसटीपी तैयार कर दिए गए हैं. इन एसटीपी से 1510 एमएलडी कैपिसिटी के सीवरेज ट्रीटमेंट किया जा रहा है. डीएलबी प्रशासन ने प्रदेश के 55 शहरों के पानी के बिलों के साथ 33 फीसदी सीवरेज एवं सीवरेज ट्रीटमेंट शुल्क वसूलने का खाका बनाया है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की आबादी को प्रति कनेक्शन 15000 लीटर पानी प्रतिमाह निशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा कर रखी है. जिस पर जलदाय विभाग कोई शुल्क नहीं ले रहा है. लेकिन अब डायरेक्ट्रेट लोकल बॉडी द्वारा शहरी विकास के नाम पर बनाए गए सीवरेज सिस्टम की लागत और रख-रखाव वसूली शुरू की जा रही है.


