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राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला: 6 साल से जेल में बंद था, सजा एक साल में बदली, रिहा करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के एक मामले में गवाहों के बयान व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में अंतर के आधार पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे उदयपुर जिले के एक युवक को हत्या के बजाय किसी को जानबूझ कर चोट पहुंचाने का दोषी करार दिया है। हाईकोर्ट के इस निर्णय से अब मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के बजाय 323 लागू होगी। धारा बदलने के साथ उसकी सजा भी एक वर्ष की रह गई। छह वर्ष से जेल में बंद इस युवक को हाईकोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ के समक्ष उदयपुर जेल में बंद फूलचंद की तरफ से एमिकस क्यूरी ने अपील कर अतिरिक्त सेशन कोर्ट की तरफ से फूलचंद को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी। एमिकस क्यूरी विवेक माथुर ने बताया कि इस मामले में गवाहों व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में काफी अंतर है। उन्होंने कहा कि चश्मदीद गवाह का कहना है कि फूलचंद ने मृतक अंबालाल के गर्दन पर लाठी से जोरदार प्रहार किया। इस कारण उसकी मौत हो गई। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गर्दन पर चोट लगने का उल्लेख ही नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि यह मर्डर का मामला नहीं होकर पानी के रास्ते को खराब करने को लेकर उपजे विवाद में किसी को जानबूझ कर चोट पहुंचाने का मामला है। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट है कि अंबालाल की मौत सिर में चोट लगने की वजह से हुई। ऐसे में अंबालाल के सिर के बल ट्रैक्टर से नीचे गिरने के कारम सिर में चोट लगी। वही सरकारी वकील ने इस तर्क का विरोद करते हुए इसे हत्या का मामला ही बताया और कहा कि आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा जाए।

खंडपीठ ने सभी तर्क सुनने के बाद कहा कि इस मामले में हत्या के बजाय जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाने की धारा 323 लगानी चाहिये थी। इस धारा में अधिकतम एक वर्ष की सजा का प्रावदान है। जबकि फूलचंद 16 मई 2016 से जेल में है। ऐसे में वह अपनी कुल सजा से अधिक समय तक जेल में रह चुका है। खंडपीठ ने आदेश दिया कि यदि उसके खिलाफ कोई अन्य मामला लंबित नहीं हो तो उसे रिहा कर दिया जाए।

यह है मामला
उदयपुर जिले के झाड़ोल ताना क्षेत्र में 19 वर्षीय अंबालाल एक ट्रैक्टर में पत्थर लेने गया हुआ था। पत्थर लादने के समय फूलचंद वहां पहुंचा। उसने पानी के लिए बने रास्ते से ट्रैक्टर ले जाने का विरोध किया। इस बीच अंबालाल के साथ उसकी तकरार हो गई। उसने एक लाठी से अंबालाल पर वार किया। इसके बाद ट्रैक्टर पर बैठा अंबालाल नीचे गिर पड़ा। अगले दिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अंबालाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि उसके कान व सिर पर सूजन थी। साथ ही उसकी खोपड़ी खोलने पर अंदर खून पाया गया। ऐसे में डॉक्टरों का कहना था कि उसकी मौत सिर में चोट लगने के कारण हुई।

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