लंबे वक्त से सियासी नियुक्तियों का इंतजार, पंचायत चुनाव बाद होंगी कांग्रेस में नियुक्तियां

लंबे वक्त से सियासी नियुक्तियों का इंतजार, पंचायत चुनाव बाद होंगी कांग्रेस में नियुक्तियां

जयपुर: लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे नेताओं को अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है, शेष बचे नगर निकाय और पंचायतों के बाद कांग्रेस राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खोलेगी. जनवरी और फरवरी माह में अजमेर नगर निगम सहित कई निकायों में चुनाव होने हैं. हालांकि राजनीतिक नियुक्तियों की उम्मीद पाले बैठे कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को झटका भी लगने वाला है. दरअसल चुनाव लड़ चुके नेताओं को यह राजनीतिक नियुक्तियों से दूर रखने की तैयारी की जा रही है. अगर संभव हुआ तो चुनाव लड़कर हारे नेताओं के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा. राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सत्ता और संगठन में कवायद शुरू हो चुकी है. मल मास शुरू होने से पहले कुछ अच्छी खबरें सुनने को मिल सकती है.पार्टी के  विश्वस्त सूत्रों की माने तो राजनीतिक नियुक्तियों के लिए पार्टी में नए मापदंड तैयार किए जा रहे हैं, पार्टी के विश्वस्त नेताओं ने भी इसके संकेत दिए हैं. बताया जाता है कि नए मापदंडों के मुताबिक विधानसभा, लोकसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनावों में पार्टी का टिकट पा चुके नेताओं और कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट नहीं किया जाएगा. चाहें फिर वो चुनाव जीते हों या फिर चुनाव हार गए हों. बताया जाता है कि राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नए मापदंड बनाना पार्टी की अहम रणनीति है, ये मापदंड लागू करने के पीछे वजह यही है कि  राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ताओं और नेताओं की छंटनी करना है. राजनीतिक नियुक्तियों में लगातार की जा रही देरी भी इसी रणनीति का हिस्सा है.

सूत्रों की माने तो विधानसभा, लोकसभा,  नगर निकाय और पंचायत चुनावों में टिकट पा चुके नेताओं और कार्यकर्ताओं का रिकॉर्ड तैयार है. बताया जाता है कि जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं जबकि पार्टी के पास लाखों कार्यकर्ताओं की फौज हैं, ऐसे में किसे एडजस्ट किया जाए किसे नहीं, यहीं चिंता सत्ता लेकर संगठन को खाये जा रही थी, जिसके बाद राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट होने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की छंटनी करने के लिए पार्टी में नए मापदंड तैयार किए गए है. अजमेर नगर  निगम सहित कई निकायों और पंचायतों के चुनाव अभी शेष हैं, पार्टी की रणनीति है कि शेष निकायों और पंचायत चुनावों में नेताओं और कार्यकर्ताओं को खपाने के बाद ही राजनीतिक नियुक्तियां की जाए, ऐसे में माना जा रहा है कि नए साल में मार्च के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो सकता है. राजनीतिक नियुक्तियों में उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को एडजस्ट करने की तैयारी हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए खूब मेहनत की है लेकिन उन्हें किसी भी चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया.

राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने की तैयारी:
इन प्रमुख बोर्ड, निगम, आयोगों में होंगी राजनीतिक नियुक्तियां होनी है. महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, ओबीसी आयोग, एससी-एसटी आयोग, किसान आयोग, गौ सेवा आयोग, निशक्तजन आयोग, समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड, देवस्थान विभाग, हज कमेटी, अल्पसंख्यक वित्त निगम, राजस्थान पर्यटन विकास निगम, हाउसिंग बोर्ड, माटी कला-केश कला बोर्ड, घूमंतु बोर्ड, बीज निगम,जन अभाव अभियोग निराकरण समिति और  यूआईटी में प्रदेश स्तरीय नियुक्तियां होनी हैं, जबकि इसके इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय समितियों में भी राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं. विधायकों को भी राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने की तैयारी चल रही है. बड़ी संख्या में होने वाली यूआईटी में विधायकों को भी अवसर दिए जा सकते है उन्हे प्रमुख सियासी नियुक्तियों में तरजीह मिलेगी.

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