पर्यावरण व प्रकृति को बचाने के लिए गांव-गांव पहुंच रहे संघर्ष समिति के लोग, रथयात्रा के जरिए ग्रामीणों को कर रहे जागरूक

पर्यावरण व प्रकृति को बचाने के लिए गांव-गांव पहुंच रहे संघर्ष समिति के लोग, रथयात्रा के जरिए ग्रामीणों को कर रहे जागरूक


खुलासा न्यूज बीकानेर। प्रकृति बचाओ आंदोलन बीकानेर में लगातार अपनी सक्रियता बनाए हुए है। पर्यावरण संघर्ष समिति के बैनर तले इसी मुद्दे पर जागरूकता के लिये इन दिनों रथयात्रा निकाली जा रही है। आज 7 जुलाई को यह रथयात्रा उदरामसर, पलाना, गीगासर, अम्बासर और रामपुरा बस्ती पहुंची। समिति ने इन गांवों में नुक्कड़ मीटिंग कीं, पर्यावरणविद सज्जन कुमार बेनीवाल और पर्यावरण संघर्ष समिति के संयोजक राम गोपाल विश्नोई और अन्य पर्यावरण चिंतकों ने इन बैठकों को सम्बोधित किया। सज्जनकुमार ने कहा की चिंता आज इस बात की हो रही है कि पृथ्वी पर जीवन कैसे बचेगा। विकास के नाम पर हमने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली। प्रकृति का दोहन इस क़दर कर दिया की जीवन ही संकट में डाल दिया है। रामगोपाल बिश्नोई ने कहा कि इंसान और पशु में इतना ही अंतर ही की इंसान बुरे भले पर विचार कर सकता है और पशु विचार नहीं कर सकता। आज हम पशुत्व को प्राप्त हो रहे है। हमारे यहां को खाद्य सामग्री को जहरीला कर दिया। प्रकृति का विनाश कर दिया कोई भी तत्व हमने शुद्ध नही छोड़ा है। इसके अलावा इन गांवों में पर्यावरण जागरुकता और संरक्षण के लिये टीमें गठित की गईं और उनके अध्यक्ष नियुक्त किये गए। पलाना में रामेश्वर गोदारा, अम्बासर में फूसाराम मेघवाल, गीगासर में रामचन्द्र और उदरामसर में श्याम सुंदर को नियुक्त किया गया। इसके साथ ही पर्यावरण संघर्ष समिति ने 18 जुलाई को पर्यावरण जागरूकता और संरक्षण के लिये बीकानेर में धरने के भी आव्हान किया।

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