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केशवानंद ग्रामोत्थान ट्रस्ट में भारी अनियमितता से ग्रामीणों में रोष, महाजन महापंचायत में पहुंचे सैकड़ो लोग, प्रशासन के साथ तीन दौर की वार्ता विफल

केशवानंद ग्रामोत्थान ट्रस्ट में भारी अनियमितता से ग्रामीणों में रोष, महाजन महापंचायत में पहुंचे सैकड़ो लोग,
प्रशासन के साथ तीन दौर की वार्ता विफल
महेश देरासरी
बीकानेर। महाजन कस्बे की केशवानंद ग्रामोत्थान विद्यापीठ ट्रस्ट में कई वर्षों से भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के खिलाफ क्षेत्र के लोग मुखर होकर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं शुक्रवार को महाजन में ग्रामोत्थान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के सैकड़ो लोग उपस्थित होकर विरोध प्रदर्शन किया।
विवेकशील विचार मंच के तत्वावधान में आयोजित महापंचायत में मंच के संयोजक हरिराम बेनीवाल ने बताया महाजन में 1955 से केशवानंद ग्रामोत्थान संस्था का संचालन हो रहा है। संस्था के मुख्य उद्देश्य बालिका शिक्षा के लिए महाजन के तत्कालीन राजघराने ने संस्था को चक भंवरिया में 1163 बीघा बारानी कृषि भूमि व महाजन में कंवरसेन लिफ्ट नहर के किनारे चक 172 एल में करीब 500 बीघा सिंचित कृषि भूमि दान में दी थी। 1995 में संस्था के अध्यक्ष चौधरी कुंभाराम आर्य के निधन के बाद नोहर की पूर्व विधायक सुचित्रा आर्य अध्यक्ष बनी जो अभी तक अध्यक्ष पद पर काबिज है। पिछले तीन माह से सोशल मीडिया पर विवेकशील विचार मंच के बैनर तले इस संस्था में भारी अनियमिताओं व भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है। साथ ही क्षेत्र के 30 से भी ज्यादा गांवों में चौपाल का आयोजन कर लोगों को मुहिम से जोड़ा गया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष सियाग ने कहा कि लगातार 30 वर्षों से बालिका शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। इस संस्था ने बालिका शिक्षा के नाम पर क्षेत्र के लोगों के साथ छलावा किया है। जिसको अब उजागर करने का समय आ गया है । ग्रामीण अब 30 सालों का हिसाब लेंगे और संस्था में पारदर्शिता की बात करेंगे। संस्था के हर वर्ष के आय व्यय का ब्यौरा भी सार्वजनिक करना होगा सहित कई मांगों के साथ इस आंदोलन की राह पर लोग चल पड़े हैं। इसके अलावा पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुमित गोदारा, भीम आर्मी के प्रदेश महामंत्री सुनील भारतीय, किसान नेता शीशपाल गोदारा,पवन सारस्वत, अक्षय जाखड़ ,संदीप रिणवा, राजेंद्र सारण प्रदीप पूनिया, रामचंद्र बिजारणिया, बलवंत गोदारा सहित कई लोगों ने संबोधित करते हुए संस्था में व्याप्त अनियमिता व भ्रष्टाचार के बारे में लोगों को बताया।दोपहर बाद महापंचायत में शामिल सभी आंदोलनकारी उपतहसील कार्यालय का घेराव करने के लिए पैदल रवाना हुए। शाम तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता सफल नहीं होने के कारण सैकड़ों आंदोलनकारी लूणकरणसर उपखंड अधिकारी कार्यालय का घेराव करने के लिए महाजन से पैदल चल पड़े।
गौरतलब है कि को मंच के बैनर तले महाजन में गढ़ के आगे महापंचायत रखी गई। महापंचायत में शामिल होने के लिए रामबाग, घेसूरा, अरजनसर, शेरपुरा, जैतपुर, सूंई सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण महाजन पहुंचे। गांवों से किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए 50-60 ट्रेक्टर लेकर आ गए। आंदोलन को देखते हुए कस्बे के मुख्य बाजार में महाजन, लूणकरणसर,कालू जामसर आदि पुलिस थानों का जाप्ता मौजूद रहा। दोपहर करीब तीन बजे तक महापंचायत चली। इस दौरान मौके पर प्रशासन के कोई अधिकारी नहीं पहुंचे। जिससे आक्रोशित आंदोलनकारी महापंचायत स्थल से उपतहसील कार्यालय का घेराव करने के लिए तपती धूप में पैदल चल पड़े। मामले की गंभीरता पुलिस प्रशासन ने उपतहसील कार्यालय का मुख्य गेट बंद कर आंदोलनकारियों को बाहर ही रोक दिया।

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