वीडियों में मारे छापे, सूचना अधिकार में नहीं है कार्यवाही की जानकारी - Khulasa Online वीडियों में मारे छापे, सूचना अधिकार में नहीं है कार्यवाही की जानकारी - Khulasa Online

वीडियों में मारे छापे, सूचना अधिकार में नहीं है कार्यवाही की जानकारी

बीकानेर। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के दौरान की गई छापेमारी। किस तरह अधिकारी मीडिया के साथ मौके पर पहुंच रहे थे। वीडियो रिकार्डिंग होती और आप तक वायरल की जाती। जनता भी खुश नजर आई कि चलो मिलावटखोरों के खिलाफ आवाज तो उठी। अब आपको बता दें कि उस अभियान के दौरान जो-जो कार्रवाई की गई, उनमें अधिकांश व्यापारियों के पास अब पाक-साफ होने का प्रमाण पत्र पहुंच गया है। जिस प्रतिष्ठान पर सब्जी गली सड़ी नजर आ रही थी, खाद्य सामग्री बदबू मार रही थी, वहां के वीडियो तक जारी होने के बाद अब विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि हमने कोई कार्रवाई ही नहीं की।
यह सब उजागर हुआ है सूचना का अधिकार कानून के तहत ली गई एक रिपोर्ट में। दरअसल, मामला यह है कि नवम्बर में तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल. मीणा ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत दनादन कार्रवाई की थी। कई मिष्ठान व नमकीन भंडार के साथ मावा रखने वाले गोदाम पर भी छापा मारा गया। शहर के मुख्य नमकीन व मिठाई प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हुई। प्रतिष्ठान के मालिक सीएमएचओ के पैरों के हाथ लगाते नजर आये कि कार्रवाई ना करें तो कहीं रेस्टोरेंट मालिक सफाई दे रहा था।
अभियान के बाद जब मामला शांत हुआ तो सभी सेम्पल टेस्ट के लिए भेज दिए गए। अब इनकी रिपोर्ट विभाग के पास आई। बताया जा रहा है कि अधिकांश प्रतिष्ठानों के सेम्पल मानक स्तर के हैं। आश्चर्य की बात है कि एक प्रतिष्ठान पर तो विभाग कार्रवाई से ही इनकार कर रहा है। आंबेडकर सर्किल पर स्थित एक प्रतिष्ठान वर्षा ऋतु पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने के बारे में लिखित सूचना दी गई है जबकि यहां कार्रवाई के वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
बीकानेर के आरटीआई कार्यकर्ता विजय दीक्षित ने विभाग से जानकारी मांगी थी कि सभी छापेमारी के बाद सेम्पल परिणाम क्या रहा? इस पर विभाग ने लिखित में दिए जवाब में कहा है कि आंबेडकर सर्किल स्थित प्रतिष्ठान पर अक्टूबर व नवम्बर माह में कोई कार्रवाई नहीं की गई। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब कार्रवाई ही नहीं हुई तो तत्कालीन सीएमएचओ वहां क्यों गए थे?
एक सेंपल सही, एक गड़बड़
वहीं केईएम रोड स्थित एक प्रतिष्ठान बीकानेर नमकीन भंडार पर हुई कार्रवाई में एक सेम्पल मानक स्तर का माना गया, जबकि दूसरा सेम्पल अमानक था। इस पर संबंधित प्रतिष्ठान पर कार्रवाई की जा रही है। शिकायतकर्ता विजय दीक्षित का आरोप है कि कार्रवाई के दौरान जिस सामग्री को खराब बताया गया था, उसके बजाय दूसरे सेम्पल की रिपोर्ट दी गई है।
अब आगे शिकायत होगी
दीक्षित ने बताया कि उन्होंने खाद्य सचिव को पत्र भेजकर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत हुई समस्त जांच की फिर से विभागीय जांच करने का आग्रह किया है। तब बड़ी संख्या में मावा भी बरामद किया गया था लेकिन कहीं से कोई मावा प्रतिष्ठान पर कार्रवाई नहीं हो रही है। पत्र में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
हमने कार्रवाई की है
उधर, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. मीणा ने कहा है कि हमने कार्रवाई की है। शिकायतकर्ता ने जितनी रिपोर्ट मांगी है, उतनी दे दी गई होगी। वैसे मेरा वहां से तबादला हो गया है।

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