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मारपीट-ब्लैकमेल की धमकी मामले में पीडि़ता का पिता बरी

मारपीट-ब्लैकमेल की धमकी मामले में पीडि़ता का पिता बरी
बीकानेर । नगर के एक चिकित्सक डॉ. मनोहर लाल दवा की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमें में 17 साल बाद प्रार्थीया की मृत्यु के बाद  न्याय मिला । माननीय न्यायालय ने प्रार्थीया पीडिता व उसके पिता को बरी किया ।

प्रार्थिया की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप कुमार शर्मा व शैलेन्द्र खरे ने बताया कि परिवादी नवलराम ने अपने पुत्र डॉ. मनोहर लाल दवा पर अपराध धारा 376 बलात्कार पुलिस थाना जयनारायण व्यास कॉलोनी बीकानेर में दर्ज है एफआईआर नं. 125/2007 में पीडि़ता के साथ ज्यादती मुकदमा अपर सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीडऩ प्रकरण बीकानेर में अनवानी स्टेट बनाम डॉ. मनोहर लाल आदि विचाराधीन है। प्रार्थीनी व उसके परिवार पर आर्थिक राजनीतिक दबाब बनाया गया परंतु पीडि़ता न्याय के लिए दर-दर भटकती रही व मुल्जिमानों के दबाब में नहीं अई। जिस कारण डॉ. मनोहर लाल दवा व उसके सहयोगियों ने कथित रुप से षडय़त्र नवलराम झूठा मुकदमा एफआईआर ने 297/2007 पुलिस थाना सदर बीकानेर में दर्ज करवाया। जिसकी माननीय न्यायालय माननीय अतिरित मुय न्यायिक मजिस्ट्रेट संया 3 बीकानेर में चला इस बीच पीडि़ता की 7.9.2002 को मृत्यु हो गई। जिसकी कार्यवाही को अबेट की गई व उसके पिता शंकरलाल के खिलाफ विचरण चलता रहा। न्यायालय ने 4.11.2024 को उत प्रकरण में जो डॉ. मनोहर लाल दवा ने षडय़ंत्रपूर्वक नवलाराम से दर्ज करवाया गया उत प्रकरण में माननीय न्यायालय ने अपना निर्णय देते हुए पीडि़ता  की मृत्यु होने पर कार्यवाही अबेट कर दी ।उसके पिता शंकर लाल को दोषमुत किया गया। पीडि़ता को मृत्युरांत न्याय मिला। अधिवता जयदीप कुमार शर्मा ने बताया कि  पीड़ता  द्वारा डॉ. मनोहरलाल आदि के खिलाफ दर्ज करवाया गया था। प्रकरण जो न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीडऩ प्रकरण बीकानेर में लंबित है जिसमें बचने के लिए व प्रार्थीनी पर दबाब बनाने के लिए तथा जो षडय़ंत्रपूर्वक मुकदमा था उसमें माननीय न्यायालय द्वारा पीडि़ता व उसके पिता को दोषमुत कर बरी किया गया है।

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