वसुंधरा राजे समर्थकों ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र, लगाए आरोप
जयपुर। राजस्थान में 31 दिन से चला सियासी संग्राम अब लगभग खत्म होता नजर आ रहा है। कांग्रेस का आंतरिक घमासान तो राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद खत्म हो रहा है, लेकिन भाजपा में खींचतान कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थक विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को संदेश पहुंचाया है कि वे प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया व विपक्ष के नेता गुलाब चंद द्वारा लिए जाने वाले मनमाने फैसलों के पक्ष में नहीं हैं। इन विधायकों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी.सतीश सहित अन्य नेताओं तक सोमवार को संदेश पहुंचाया गया कि ये सभी नेता सोची-समझी रणनीति के तहत वसुंधरा राजे को मुख्य धारा से दूर करने की कोशिश में जुटे हैं। जबकि प्रदेश में वसुंधरा राजे एकमात्र जन नेता हैं। कार्यकर्ताओं के साथ ही आम लोगों में वसुंधरा राजे की पकड़ है।
सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी सहित एक दर्जन विधायकों ने पार्टी नेतृत्व तक संदेश पहुंचाया कि प्रदेश संगठन और विधायक दल के नेता जान-बूझकर वसुंधरा राजे व उनके समर्थकों को मुख्यधारा से दरकिनार करने में जुटे हैं। इन नेताओं को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी समय-समय पर समर्थन मिलता रहता है। वसुंधरा राजे समर्थक विधायक पिछले दो दिन से गोपनीय बैठकें कर रहे हैं। वसुंधरा राजे खुद अभी दिल्ली में रहकर राष्ट्रीय नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकातों में जुटी हैं। वसुंधरा राजे समर्थक दो विधायकों ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है। इसमें वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की उपेक्षा का उल्लेख किया गया है। वसुंधरा राजे ने नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान भी यही बात रखी है।
वसुंधरा राजे की ताकत
एक पूर्व मंत्री का कहना है कि वसुंधरा राजे इस बात से नाराज हैं कि उनका बार-बार पार्टी के अंदर कुछ लोग अशोक गहलोत के प्रति नरम रवैया नजदीकी बताकर छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। वे पूरे घटनाक्रम पर एक महीने से चुप हैं। एक महीने तक वे धौलपुर के अपने महल में रहीं और चार दिन पहले दिल्ली गईं। वसुंधरा राजे समर्थक विधायक पार्टी की ओर से की जा रही बाड़ेबंदी से भी खुश नहीं हैं। राज्य के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भाजपा पर तंज कसा कि वसुंधरा राजे के डर से भाजपा बाड़बंदी कर रही है। भाजपा के 72 में 35 विधायक ऐसे हैं, जिन्हें वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है। इनमें से 15 से 17 विधायक तो ऐसे हैं, जो पूरी तरह से वसुंधरा राजे के फैसले के साथ हैं। उनके लिए वसुंधरा राजे ही आलाकमान हैं। इन विधायकों को वसुंधरा राजे का कट्टर समर्थक माना जाता है। जिलों में भी वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं की तादाद प्रदेश के अन्य नेताओं से कही अधिक है।