
वी श्रीनिवास राजस्थान के नए मुख्य सचिव बने:कल चार्ज लेंगे, 17 साल केंद्रीय डेपुटेशन पर रहे, पूर्व पीएम नरसिम्हाराव के रिश्तेदार हैं



वी श्रीनिवास राजस्थान के नए मुख्य सचिव बने:कल चार्ज लेंगे, 17 साल केंद्रीय डेपुटेशन पर रहे, पूर्व पीएम नरसिम्हाराव के रिश्तेदार हैं
जयपुर। राज्य सरकार ने 1989 बैच के आईएएस अफसर वी श्रीनिवास को राजस्थान का नया मुख्य सचिव बनाया है। कार्मिक विभाग ने रविवार को नियुक्ति के आदेश जारी किए। सुधांश पंत के रिलीव होने के साथ ही श्रीनिवास सोमवार (17 नवंबर) को चार्ज लेंगे। श्रीनिवास पिछले सात साल से केंद्रीय डेपुटेशन पर थे। उन्हें 14 नवंबर की शाम को ही केंद्रीय डेपुटेशन से राजस्थान के लिए रिलीव किया गया था।
वे रिलीव होने से पहले केंद्रीय प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत, पेंशन्स और पेंशनर्स कल्याण विभाग के सचिव थे। वी श्रीनिवास सितंबर 2026 तक पद पर रहेंगे। नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद अब जल्द प्रशासनिक फेरबदल की संभावना है।
वी श्रीनिवास को मुख्य सचिव के साथ राजस्थान राज्य माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (क्रस्रूरूरु) के अध्यक्ष और मुख्य आवासीय आयुक्त दिल्ली का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
सुधांश पंत को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में सचिव के पद पर 30 नवंबर को जॉइन करना है। इस पद पर जॉइन करने से पहले तक के लिए पंत को कैबिनेट सचिवालय में ओएसडी बनाया गया है।
सुबोध अग्रवाल के बाद सबसे सीनियर हैं श्रीनिवास
वी श्रीनिवास को सीएस (चीफ सेक्रेटरी) बनाने से केवल एक अफसर की सीनियॉरिटी लांघी है। आईएएस अफसरों में वी श्रीनिवास, सुबोध अग्रवाल के बाद सबसे सीनियर हैं। 1988 बैच के एकमात्र आईएएस सुबोध अग्रवाल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं। सुबोध अग्रवाल अभी आरएफसी अध्यक्ष हैं। श्रीनिवास 1989 बैच के आईएएस हैं और दिसंबर के बाद उनसे सीनियर कोई आईएएस नहीं रहेगा।
1989 बैच में श्रीनिवास और शुभ्रा सिंह ही हैं। शुभ्रा सिंह रोडवेज चेयरमैन हैं और सचिवालय से बाहर हैं। इसके बाद 1990 बैच का कोई अफसर नहीं है। 1991 बैच में सुधांश पंत हैं। प्रशासनिक परंपरा है कि मुख्य सचिव से सीनियर अफसर को सचिवालय में नहीं रखा जाता। उन्हें बाहर भेजना होता है। अब किसी अफसर को सचिवालय से बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं होगी।
दिल्ली में वी श्रीनिवास सीएम भजनलाल से मिले, अगले ही दिन रिलीव
वी श्रीनिवास ने गुरुवार को दिल्ली में सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात की थी। एक दिन बाद ही केंद्र ने उन्हें रिलीव कर दिया था। सीएम से मुलाकात के बाद उन्हें केंद्र से रिलीव करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से फाइल भेजी गई, जिसे तत्काल मंजूर करके अगले ही दिन उनकी सेवाएं राज्य सरकार को लौटाने की मंजूरी दे दी गई।
अगले साल सितंबर में रिटायर होंगे
वी श्रीनिवास सितंबर 2026 में रिटायर होंगे। अगर उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाता है तो केवल 10 महीने तक पद पर रहेंगे। सरकार के पास एक्सटेंशन का भी विकल्प है। केंद्र सरकार चाहे तो छह-छह महीने के दो एक्सटेंशन भी दे सकती है। पहले भी कई मुख्य सचिवों को एक्सटेंशन मिलते रहे हैं।
नई दिल्ली में फेयरवेल के दौरान कुछ इस तरह गले मिलकर पुरानी सहयोगी-साथियों ने वी श्रीनिवास को विदाई दी।
नई दिल्ली में फेयरवेल के दौरान कुछ इस तरह गले मिलकर पुरानी सहयोगी-साथियों ने वी श्रीनिवास को विदाई दी।
पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के निजी सचिव रह चुके
वी श्रीनिवास पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के रिश्तेदार हैंं। उनकी पत्नी राव की रिश्ते में दोहिती हैं। श्रीनिवास बड़े पदों पर रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में वे तत्कालीन विदेश मंत्री और वित्त् मंत्री जसवंत सिंह के निजी सचिव रहे थे। इसके बाद वे इंटरनेशन मॉनेट्री फंड वॉशिंगटन में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक रहे।
पाली और जोधपुर के कलेक्टर रह चुके हैं श्रीनिवास
श्रीनिवास ने आईएएस करियर 1991 में भीलवाड़ा एसडीओ पद से शुरू किया। इसके बाद वे निंबाहेड़ा एसडीओ भी रहे। 1995 से 1998 तक जल ग्रहण विकास और मृदा संरक्षण विभाग के निदेशक रहे।
पाली और जोधपुर के कलेक्टर रह चुके हैं। श्रीनिवास 30 दिसंबर 1997 से 23 मार्च 1999 तक पाली और 20 मार्च 1999 से 30 दिसंबर 99 तक जोधपुर के कलेक्टर रहे। इसके बाद 28 अक्टूबर 1999 से 7 जुलाई 2000 तक वे वित्त विभाग के उपसचिव रहे।
35 साल की सर्विस में से 17 साल सेंट्रल डेपुटेशन
वी श्रीनिवास 35 साल की सर्विस में आधे से ज्यादा वक्त केंद्र सरकार में बीता है। वे 17 साल डेपुटेशन पर रह चुके हैं। इसमें से 14 साल दिल्ली में और 3 साल आईएमएफ में रहे हैं। पहली बार श्रीनिवास साल 2000 से 2006 तक सेंट्रल डेपुटेशन पर रहे। 5 जुलाई 2000 से 7 फरवरी 2001 तक पेट्रोलियम मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी रहे।
इसके बाद वे 6 फरवरी 2001 से 6 सितंबर 2003 तक तत्कालीन विदेश मंत्री और वित्त मंत्र के निजी सचिव रहे। 2 सितंबर 2003 से 6 अक्टूबर 2006 तक आईएफ वॉशिंगटन डीसी में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक रहे।




