
निजी हॉस्पिटल में महिला की मौत के बाद हंगामा, भाजपा नेता व अधिकारी के बीच हुई बस, इन मांगों पर बनी सहमति







खुलासा न्यूज, बीकानेर। डिलीवरी के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत के बाद आज हंगामा खड़ा हो गया। दरअसल, घटनाक्रम बीकानेर नर्सिंग होम के पास स्थित अशोका हॉस्पीटल से जुड़ा है। यहां 25 जून को महिला को भर्ती करवाया गया। जिसके बाद कल 26 जून को डिलीवरी हुई ओर बाद में इलाज के दौरान मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते मौत का कारण बताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। जिसके बाद भाजपा नेता अशोक प्रजापत, श्याम सिंह हाड़ला,आरएलपी नेता विवेक माचरा सहित अनेक लोग मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मंाग की। इस दौरान मौके पर जनप्रतिनिधियों की एडीएम से जमकर बहस भी हो गई, जिसके बाद पुलिस ने बीच बचाव करते हुए मामला शांत करवाया। इस सम्बंध में भाजपा नेता अशोक प्रजापत ने बताया कि परिजनों की मांगों पर सहमति बन गई है और अब कल सुबह शव को पोस्टमार्टम होगा साथ ही एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। अशोक प्रजापत ने बताया कि विवाहिता की मौत के बाद विभिन्न मांागे पर सहमति बन गई है। जिनमें कल बुधवार को सुबह पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के सामने करवाने, हॉस्पीटल के सीसीटीवी जब्त करने, सीएमएचओ के अंडर में एक कमेटी गठन कर पूरे प्रकरण जांच करेगी। इसके अलावा एक प्रशासन की टीम हॉस्पिटल की अनियमिता की जांच करेगी, सहित विभिन्न मांगो पर सहमति बनी है।
प्रसव के दौरान रक्त स्त्राव होने से मृत्यु होना एक अस्वाभाविक परिस्थिति- डॉ विकास पारीक
प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्त स्त्राव से एक महिला की अशोका हॉस्पिटल बीकानेर में जान चली गई इस दुखद घटना पर हमें भी खेद है ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें। प्रसव के दौरान रक्त स्त्राव होकर के मृत्यु हो जाना एक अस्वाभाविक परिस्थिति है जिसे कई बार कितनी भी कुशलता से कार्य करते हुए भी नहीं रोका जा सकता। इस प्रकार की परिस्थिति के लिए कतिपय समाज कंठकान द्वारा चिकित्सकों के खिलाफ धरना देकर मौत आने की मांग करना अनुचित है। ऐसी घटनाएं डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर डालती है जिसका की खामियाजा समाज को ही भुगतना पड़ता है। कोई भी चिकित्सक अपने मरीज को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता है लेकिन कुछ परिस्थिति विशेष या मरीज की बीमारी ऐसी होती है कि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका नहीं जा सकता। मरीज के रिश्तेदारों और समाज के प्रबुद्ध जन बुद्धिजीवियों को यह समझना पड़ेगा कि इस तरह से चिकित्सकों को ब्लैकमेल करके समाज का भला नहीं किया जा सकता। मैं आप सब से गुजारिश करूंगा ऐसी घटनाओं की भर्त्सना की जाए और जो व्यक्ति सक्षम है वह इसमें हस्तक्षेप करके लोगों को समझाएं।– डॉ विकास परीक, आईएमए बीकानेर


