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यूजीसी ने 24 संस्थानों को घोषित किया फर्जी

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी घोषित किया है और दो अन्य को मानकों का उल्लंघन करते हुए पाया।प्रधान ने बताया कि लखनऊ स्थित भारतीय शिक्षा परिषद और नई दिल्ली में कुतुब इंक्लेव स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आइआइपीएम) को यूजीसी एक्ट, 1956 का उल्लंघन करते हुए पाया गया। उनके मामले अदालत में विचाराधीन हैं। वहीं यूजीसी ने जिन 24 संस्थानों को फर्जी घोषित किया है उनमें उत्तर प्रदेश के आठ; दिल्ली के सात; ओडिशा और बंगाल के दो-दो; कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी का एक-एक विश्वविद्यालय है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी के 55 फीसद पद रिक्त एक अन्य सवाल के जवाब में प्रधान ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी के स्वीकृत पदों में से करीब 55 फीसद रिक्त हैं। जबकि इंडियन इंस्टीट्यूट फार साइंस (आइआइएससी), बेंगलुरु में इस श्रेणी के 89 फीसद से ज्यादा पद खाली हैं। इसके अलावा 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी और एसटी के क्रमश: 38.71 फीसद और 41.64 फीसद पद रिक्त हैं। इसी तरह, आइआइएससी में एसटी के 54.7 फीसद और एससी के 20.2 फीसद पद रिक्त हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट्स आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में एससी, एसटी और ओबीसी के क्रमश: 39.4, 57.89 और 43.7 फीसद पद रिक्त हैं।

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