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यूजीसी रद्द कर सकता है फाइनल ईयर के एग्जाम,एचआरडी मंत्री ने दिए ये आदेश

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अप्रैल में जारी की गई यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम और अकेडमिक कैलेंडर पर अपने दिशा निर्देशों को संशोधित करने के लिए कहा है। मंत्री ने कहा है कि “संशोधित दिशा निर्देशों की नींव” छात्रों और शिक्षकों की स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर संशोधित होनी चाहिए। पहले जारी हो चुके संशोधित अकेडमिक कैलेंडर में कोविड-19 की महामारी के दौरान टीचिंग और लर्निंग को जारी रखने और परीक्षा को कराने का सुझाव भी दिया था। एचआरडी मंत्री ने आज अपने ट्विटर हैंडल के जरिए बताया कि उन्होंने यूजीसी को इंटरमीडिएट और टर्मिनल सेमेस्टर एग्जामिनेशन के लिए पहले जारी हो चुकी गाइडलाइन्स में बदलाव करने का सुझाव दिया है। मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, “मैंने यूजीसी को इंटरमीडिएट और टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के लिए पहले जारी हो चुकी गाइडलाइन्स को फिर से जारी करने की सलाह दी है. संशोधित गाइडलाइन्स की नींव छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई जाएंगी। बता दें कि देशभर में कोरोनावायरस महामारी के चलते बोर्ड समेत यूनिवर्सिटी और एंट्रे ंस एग्जाम भी स्थगित कर दिए गए थे। बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी या नहीं। इस पर गुरू वार को सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसला लिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जुलाई में होने वाले बचे हुए बोर्ड एग्जाम टल सकते हैं। बोर्ड परीक्षाओं के अलावा जुलाई में होने वाले देश के सबसे अहम एंट्रेंस एग्जाम जेईई और नीट एग्जाम को भी टाला जा सकता है। शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, “छात्रों की सुरक्षा सबसे अहम है। इन परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। सूत्रों ने ये भी बताया कि कुछ परीक्षाओं को रद्द किया जा सकता है और जेईई मेन और नीट जैसे एंट्रेंस एग्जाम को स्थगित भी किया जा सकता है।

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