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महिला डॉक्टर को चैक अनादरण के मामले में दो वर्ष का कारावास

बीकानेर। न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट प्रकरण) संख्या तीन, बीकानेर के पीठासीन अधिकारी अंशिका दिनकर चैक अनादरण के मामले में सुनवाई करते हुए डॉक्टर को दो वर्ष का कारावास की सजा सुनाते हुए 32 लाख रुपए का हर्जाना भरने के आदेश दिए हैं। परिवादी के अधिवक्ता पारमल बिश्नोई ने बताया कि बैंगलोर निवासी डॉ. जैकलीन वी. फ्रांसिस ने हंसराज बिश्नोई से अपने हॉस्पिटल कंफर्ट मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल के विस्तार के लिए 2015 में अलग-अलग दिनांक को कुल 35 लाख रुपए उधार लिये थे। उधार ली गई रकम के पार्टली भुगतान हेतु डॉ. जैकलीन ने अपने बैंक खाते के दो चैक 25 लाख 50 हजार रुपए के भरकर परिवादी हंसराज को दिये। जिसको हंसराज ने अपने खाते में भुगतान हेतु प्रस्तुत किये लेकिन उक्त चैक अनादरित हो गये। उसके बाद 15 दिवस के नोटिस के बावजूद मुल्जिम ने उक्त राशि का भुगतान नहीं किया। तब परिवादी ने अपने अधिवक्ता पारसमल बिश्नोई के मार्फत कोर्ट में परिवाद पेश किया। जिस पर न्यायालय ने डॉ. जैकलीन को चैक अनादरण का दोषी मानते हुए दो साल का कारावास व 32 लाख रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया।

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