
जैसलमेर हादसे के बाद दो अधिकारियों पर गिरी गाज, सीएम ने बसों की सघन जांच के दिए निर्देश; मौत का आंकड़ा बढ़ा





जैसलमेर हादसे के बाद दो अधिकारियों पर गिरी गाज, सीएम ने बसों की सघन जांच के दिए निर्देश; मौत का आंकड़ा बढ़ा
जयपुर।
राजस्थान में स्लीपर बस अग्निकांड में बुधवार को सरकार ने एक्शन लिया। हादसे का शिकार हुई बस की बॉडी को चित्तौड़गढ़ में परिवहन विभाग ने अप्रूव किया था।
बस बॉडी को अप्रूव करने वाले चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नी लाल को सस्पेंड कर दिया।
हादसे के बाद जब प्रशासन ने बस से जुड़ी जानकारी जुटाई, तो खुलासा हुआ कि यह बस चित्तौड़गढ़ जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) कार्यालय में पंजीकृत थी।
जांच में सामने आया कि बस मालिक ने नियमों की अनदेखी करते हुए नॉन एसी को एसी बस में मॉडिफाई करवा लिया था, जिसकी भनक परिवहन विभाग को भी नहीं लगी। एसीबी की ओर से भी मामले की जांच की जाएगी।
इधर, मंगलवार देर रात पहली FIR दर्ज हुई। हादसे का शिकार हुए पत्रकार राजेंद्र चौहान के भाई ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर के सदर थाने में केस दर्ज कराया।
अग्निकांड में मृतकों की संख्या 21 हो गई है। हादसे में झुलसे 10 साल के यूनुस ने बुधवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। महात्मा गांधी हॉस्पिटल के अनुसार 4 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
जैसलमेर से जोधपुर जा रही प्राइवेट AC स्लीपर बस में मंगलवार दोपहर 3.30 बजे आग लग गई थी।
जैसलमेर बस हादसे के बाद राज्य सरकार ने एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में बस बोर्ड नियमावली के अनुसार बसों की सघन जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जैसलमेर बस हादसा अत्यंत हृदयविदारक है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। सरकार ने परिवहन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर बस की जांच नियमावली के अनुसार की जाए और किसी भी कमी को तत्काल सुधारा जाए।
विभाग ने शुरू किया अभियान, 11 बसें जब्त
जैसलमेर हादसे के बाद बुधवार से प्रदेश में बसों की जांच का अभियान शुरू कर दिया गया है। बस बॉडी बिल्डिंग कोड की पालना नहीं करने वाली 11 बसों को जब्त कर लिया गया है। 18 बसों का चालान किया गया है।

