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दो दिन, दो बड़े कार्यक्रम और दो धड़ों में बंटी नजर आई भाजपा, क्या कहता है राजनीति गणित, देखें यह रिपोर्ट

– कुशाल सिंह मेड़तियों की विशेष रिपोर्ट

खुलासा न्यूज, बीकानेर। कांग्रेस की तरह भाजपा भी उपर से लेकर नीचे तक दो गुटों में बंटी हुई है। हालांकि यह बात बहुत पहले से सबको पता है, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे-वैसे इस बात पर पक्की मुहर लग रही है। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पायलट की लड़ाई के बीच सचिन पायलट काफी हद तक पार्टी लाइन से दूर हो गए है, इसके पीछे सीएम गहलोत की जादूगिरी बताई जा रही है, और यह सच्चाई है, लेकिन पायलट की मजबूत पकड़ के चलते आलाकमान भी उन पर कोई एक्शन नहीं ले पा रही है। उसी तरह बीजेपी में भी एक बड़े गुट द्वारा पिछले लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सीएम की रेस से साइड लाइन करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है, परंतु पायलट की तरह राजे की प्रदेश में पकड़ काफी मजबूती मानी जा रही है, यही कारण है कि भाजपा आलाकमान जिन नेताओं के खिलाफ है वो नेता वसुंधरा राजे को अपना नेता मान रहे है और जहां-जहां राजे जा रही है वहां-वहां वे नेता अपने लोगों के साथ भव्य स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इसका ताजा उदाहरण बुधवार को राजे के बीकानेर दौरे में देखने को मिला। दरअसल, पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी भाजपा में नहीं है, लेकिन उनके नेतृत्व में नाल एयरपोर्ट पर राजे का भव्य स्वागत किया गया। भाटी की अगुवाई में हजारों लोग राजे का स्वागत करने पहुंचे। इस तरह भाटी भाजपा आलाकमान को यह संदेश देने में सफल हुए कि उन्हें आज भी जनता जन नेता के रूप में देख रही है। और राजे आलाकमान को यह दिखाने में सफल हो रही है कि उन्हें केवल पार्टी के नेता ही नहीं, बल्कि वे नेता भी दिल से चाहते हैं जिनको पार्टी ने साइड लाइन कर दिया है।

इससे पहले मंगलवार को भाजपा का महाघेराव कार्यक्रम हुआ। जिसमें देवीसिंह भाटी सहित वे नेता शामिल नहीं हुए जो राजे गुट से माने जाते है। राजनीति विशेषज्ञों ने बताया कि महाघेराव कार्यक्रम में उतनी भीड़ नहीं जुटा पाए जितनी भीड़ की उम्मीद थी, इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा कि राजे गुट के नेता महाघेराव में शामिल नहीं हुए। वहीं, बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीकानेर पहुंची। राजे के स्वागत में इस बार संगठन के पदाधिकारी भी नजर आए, जो राजे के पिछले दौरे में दूरी बनाई रखी थी। लेकिन इस बीच चर्चा में महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित व लूनकरणसर विधायक सुमित गोदारा की रही। दरअसल, इन दोनों नेताओं ने राजे से व राजे के स्वागत में आयोजित कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी। दूरी बनाने का कारण यह बताया जा रहा है कि ये दोनों नेता केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के गुट से आते है। इस पर राजे ने लूनकरणसर में आयोजित स्वागत कार्यक्रम में राजे ने विधायक पर चुटकी भी ली, जिसकी उनके पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है। चर्चा यहां तक भी है कि इस बार विधायक जी की टिकट कट सकती है और किसी और का नंबर लग सकता है।

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