माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का तुगलकी फरमान
खुलासा न्यूज,बीकानेर। बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाला शिक्षा निदेशालय खुद नियम ताक पर रख कर मनमानी तुगलकी फरमान जारी करने में लगा हुआ है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने डीपीसी से चयनित दिव्यांग व्याख्याताओं की काउंसलिंग में सत्तर फीसदी से कम विकलांगता वाले चयनित दिव्यांग व्याख्याताओं को नहीं बुलाने का फरमान जारी किया है। निदेशालय के इस फरमान ने दिव्यांगता की परिभाषा ही बदल दी है। जानकारी के मुताबिक शिक्षा निदेशालय में इन दिनों व्याख्याताओं की काउसंलिंग का कार्य चल रहा है। निदेशालय ने चयनित दिव्यांग व्याख्याताओं की काउंसलिंग में 40 प्रतिशत की जगह 70 फीसदी दिव्यांगता की शर्त रख दी, जिससे दिव्यांगता की कैटेगरी को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। जबकि नियम कहते हैं कि 40 फीसदी दिव्यांगता वाले व्यक्ति दिव्यांग की श्रेणी में आएगा, लेकिन अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की काउंसलिंग पर सवाल खड़े हो गए हैं। विशेषयोग्यजन विशेषज्ञ हेमंत भाई गोयल ने भर्ती को रोकने की मांग की है।
निदेशालय ने अपनी मर्जी ने बदले नियम
आपको बता दें कि निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने डीपीसी से चयनित दिव्यांग व्याख्याताओं की काउंसलिंग में दिव्यांगता की शर्त 40 प्रतिशत के स्थान पर 70 प्रतिशत निर्धारित की है जो कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों एंव संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 13 दिसंबर 2006 को पारित प्रस्तावों का उल्लंघन है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार 40 प्रतिशत अथवा इससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्ति को दिव्यांगजन की परिभाषा में शामिल किया गया है।
शिक्षा निदेशक को थमाया नोटिस
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के व्याख्याताओं की काउंसलिंग के फरमान के बाद विशेष योग्यजन न्यायालय ने शिक्षा निदेशक को नोटिस थमाया है। न्यायालय ने अपने नोटिस में कहा है कि दिव्यांग अधिकारी अधिनियम और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों का शिक्षा विभाग उल्लघंन कर रहा है। नियमों के तहत 40 फीसदी या इससे अधिक विकलांग लोगों को दिव्यांगता की श्रेणी में रखा जाता है। विशेषयोग्यजन विशेषज्ञ हेमंत भाई गोयल ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था, जिसके बाद कोर्ट से संज्ञान लेते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग को नोटिस थमाकर जवाब मांगा है।
इनका कहना है
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय काउंसलिग में मनमानी कर रहा है। अपनी मर्जी से नियम बदल दिए। जिससे नुकसान दिव्यांग व्याख्याताओं को उठाना होगा।
हेमंत भाई गोयल विशेष योग्यजन विशेषज्ञ