
कोरोना पर परेशानी वाली बात: टूरिस्ट हॉटस्पॉट में वायरस के तेज रफ्तार से फैलने का खतरा






केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना संक्रमण के कुल मामलों में आधे से ज्यादा मामले 2 राज्यों महाराष्ट्र और केरल में सामने आए हैं। कुल 53% मामले इन्हीं राज्यों में मिले हैं। बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र (9,083) और केरल (13,772) में मिले हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव केस भी यहीं हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र में 3 जुलाई को 8,700 से अधिक नए मामले दर्ज हुए, जो 6 जुलाई को घटकर 6,700 के करीब आ गए। हालांकि इसके बाद हर दिन इससे अधिक नए मामले मिले। वहीं, केरल में 2 जुलाई को 12,800 से अधिक मामले दर्ज हुए, जो 6 जुलाई को 8,300 के करीब आ गए। हालांकि इसके बाद हर दिन इससे ज्यादा मामले मिले।
80% नए मामले 90 जिलों में हैं
लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के 80% नए मामले 90 जिलों में हैं। 66 जिले ऐसे हैं, जहां 8 जुलाई को पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि रोजाना नए मामलों में गिरावट का सिलसिला जारी है। पिछले एक हफ्ते में हर दिन औसतन नए मामलों में 8% की गिरावट आई है।
कई देशों में संक्रमण के मामले दोबारा बढ़े
मंत्रालय ने बताया कि देश में रिकवरी में इजाफा हुआ है। रिकवरी रेट आज 97.2% है। लव अग्रवाल ने कहा कि हम अभी भी कोरोना की दूसरी लहर से निपट रहे हैं। हमें सावधानी बरतने की जरूरत है। ब्रिटेन, रूस और बांग्लादेश में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
बाजारों और पर्यटन स्थलों पर लापरवाही बढ़ी
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि बाजारों और टूरिस्ट प्लेस पर लापरवाही हो रही है। इसलिए वहां एक नया खतरा दिखाई दे रहा है, वायरस के लिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचना आसान हो रहा है।
तीसरी लहर भी आ सकती है
पॉल ने कहा कि हम सुरक्षा को कम नहीं कर सकते। टूरिस्ट प्लेस पर एक नया जोखिम देखने को मिल रहा है, जहां भीड़ का जमावड़ा बढ़ा है। वहां पर न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा और न ही लोग मास्क लगा रहे हैं। यह चिंता की बात है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो तीसरी लहर भी आ सकती है।
गर्भवतियों के संक्रमित होने से समय से पहले डिलीवरी का खतरा
वीके पॉल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में कोविड की गंभीरता बढ़ जाती है, इसलिए जरूरी है कि हम गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाएं। अगर गर्भवती महिलाओं को कोरोना होता है तो समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बढ़ जाता है।


