शहर के प्रमुख बाजारों में ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई, रात को आठ बजे बाद नजर नहीं आते पुलिसकर्मी

शहर के प्रमुख बाजारों में ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई, रात को आठ बजे बाद नजर नहीं आते पुलिसकर्मी

खुलासा न्यूज, बीकानेर। शहर के प्रमुख बाजारों में इन दिनों ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, जिसके कारण हर 15 मिनट बाद जाम की स्थिति बन रही है। जिसके कारण आमजन काफी परेशान है। दरअसल, अब त्योहारी सीजन है, जिसके कारण प्रत्येक बाजार में ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ रहती है। शाम के समय में यह भीड़ और अधिक बढ़ जाती है, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने वाला कोई नहीं होने के कारण लोग जहां मर्जी आए वहां वाहन को पार्क कर देते है, कोई कहीं अपने वाहन को घुसा देते हैं, जिसके कारण जाम लग जाता है। बात करें बीकानेर के सबसे व्यवस्तम बाजार केईएम रोड, कोटगेट, फड बाजार, स्टेशन रोड़, रानी बाजार, सहित आसपास के जितने भी बाजार व सड़कें है, वहां ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने वाला एक भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी रात को आठ बजे के बाद नजर नहीं आता। जिसके कारण पूर्व संभागीय आयुक्त नीरज के पवन द्वारा बनाई गई वन-वे व्यवस्था की उज्जाई उड़ रही है। ट्रैफिक पुलिस केवल और केवल अपना टारगेट पूरा करने में जुटी हुई है, जो यहां की पार्किंग स्थलों से मोटरसाईकिल को उठा ले जाते हैं और चालान कर छोड़ देते है। ट्रैफिक पुलिस यह चक्कर में दिन में तीन-चार बार हो जाता है। जबकि पुलिस का काम केवल इतना ही नहीं, ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने का भी है। रात को करीब दस बजे तक बाजारों में भीड़ रहती है, अब त्योहारी सीजन होने के कारण बाजार भी ग्राहकों से भरे रहते है, लेकिन आठ बजे के बाद एक भी पॉइंट पर पुलिसकर्मी नजर नहीं आता, जिसके कारण नियमों की धज्जियां उड़ रही है, हर 15 मिनट बाद जाम लग जाता है, जिसमें फसे लोग परेशान होते है। पुलिसकर्मी की गैर मौजूदगी के कारण केवल ट्रैफिक व्यवस्था ही नहीं बगड़ती, बल्कि अपराध होने की आशंका बनी रहती है जैसे छीना-झपट्टी, चोरी, चैन स्नैचिंग आदि। जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त तथा एसपी अपनी मीटिंगों में कई बार ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हेतु निर्देशित कर चुके हैं, लेकिन निचले स्तर के अधिकारी आदेशों की पालना ही नहीं कर रहे। केवल और केवल हेलमेट चेकिंग के नाम पर अपना टारगेट पूरा कर चले जाते है। त्योहारी सीजन को देखते हुए रात को कम से कम 10 बजे हर पॉइंट पर पुलिसकर्मी तैनात रहना चाहिए, लेकिन यहां पौल में ढोल इस कदर बज रहा है कि रात को आठ बजे के बाद एक भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आ रहा। बड़ी बात यह है कि इस बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को जांचने-परखने के लिए एक भी बड़ा अधिकारी विजिट नहीं करता। यही कारण है कि रात को आठ बजे के बाद ट्रैफिक व्यवस्था चौपट नजर आ रही है, अपराध बढ़ रहा है। ये हाल केवल शहर के प्रमुख बाजारों के ही नहीं, बल्कि प्रमुख चौराहों के भी है। जहां रात आठ बजे के बाद किसी भी चौराहे पर पुलिस नजर नहीं आती।

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