
पौने घंटे की मूसलाधार बारिश ने जिला प्रशासन की व्यवस्था और निगम के दावों की खोली पौल, शहर में पानी ही पानी, कई स्थानों पर हुए हादसे






खुलासा न्यूज, बीकानेर। शुक्रवार को मानसून की मेहरबानी बीकानेर शहर पर भी हुई। दिनभर गर्मी और उमस के बाद शाम को बादल बरसे तो पूरा शहर ही तरबतर हो गया। गर्मी से निजात मिलने के साथ ही खुशनुमा मौसम में लोग छत्तों पर मूसलाधार बारिश का लुत्फ उठाते नजर आए। लेकिन बारिश के वक्त घर से बाहर निकले लोगों के लिए यह बारिश आफत बन गई। बारिश एक बार आधा घंटे बरसने के बाद बंद हो गई लेकिन आधे घंटे बाद फिर तेज हो गई। शाम करीब छह बजे पहले तेज हवाएं चली और बाद में बड़ी बूंदों के साथ बरसात शुरू हो गई। करीब आधा घंटे तक “नॉन स्टॉप” बारिश ने पूरे शहर को गर्मी से एक बार निजात दिला दी। सड़कों पर निकले हुए लोगों को सुरक्षित स्थान देखने पड़े, वहीं चार पहिया वाहनों को वाइपर ऑन करने पड़े। सड़कों पर बच्चों को अठखेलियां करते देखा गया तो महिलाओं को सुरक्षित स्थान की ओर लपकते देखना पड़ा।
मानसून की दूसरी बारिश, नीचले इलाकों में भरा पानी
बीकानेर में मानसून की ये दूसरी बारिश थी। पहली बारिश में भी शहर में कई जगह पानी भर गया था। वहीं दूसरी बारिश में भी शहर के निचले क्षेत्रों में पानी भरने की स्थिति बन गई है। शहरी क्षेत्र के बारिश का पानी बहता हुआ कोटगेट, केईएम रोड होते हुए आगे पहुंचा तो कलक्टरी व जूनागढ़ क्षेत्र लबालब हो गया। कोटगेट पर काफी देर तक पानी का बहाव बना रहा। इसके अलावा गंगाशहर, जस्सूसर गेट, नत्थूसर गेट क्षेत्र, पुरानी गिन्नाणी, शहर का निचला इलाकों में पानी भर गया जो अब तीन-चार दिन तक सुखेगा नहीं। साथ ही परेशानी का कारण भी बनेगा। मच्छर पनपेंगे, जिनसे अनेक बीमारियों होने का खतरा मंडराएगा।
शहर में चारों तरफ पानी ही पानी, कई लोग हुए हादसे के शिकार
शुक्रवार शाम को अचानक आकाश में काले बादल छा गये और दिन में ही अंधेरा हो गया। थोड़ी देर में आकाश से पानी बरसना शुरु हुआ जो करीब पौने घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। जिससे शहर के नीचले इलाकों में पानी भर गया और सड़क़ों पर पानी का बहाव इतना तेज की वाहन अपनी जगह छोडऩा शुरु कर दिया। शहर के फड़बाजार, कोटगेट , अणचाबाई अस्पताल, सूरसागर, पुरानी गिन्नाणी, कलेक्ट्रेट परिसर, नत्थूसर गेट का नीचला इलाका, जस्सुसर गेट, कोठारी हॉस्पिटल, पत्रिका कार्यालय, भुट्टा का बास सहित अनेक क्षेत्रों में पानी की रफ्तान इतनी तेज थी कि एकबारगी तो वाहन चालक सडक़ के किनारे खड़े हो गये। दर्जनों सड़कों पर फैले पानी की वजह से हादसों के शिकार हुए। हालांकि मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही कुछ जिलों में भारी से अतिभारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर रखी थी, लेकिन अचानक हुई इतनी तेज बारिश की उम्मीद किसी को नहीं थी। पिछले काफी दिनों से उमस भरी गर्मी से आमजन परेशान था आज की बारिश से कुछ राहत मिलेगी।
प्रशासन की व्यवस्था और निगम के दावों की खुली पौल
शुक्रवार शाम को करीब पौने घंटे की तेज बारिश ने प्रशासन की व्यवस्था और नगर निगम के दावों की पौल खोलकर रख दी। नाले उफान मारने शुरू हुए तो अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गए। तेज बारिश के में निगम की गाडिय़ा सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आई, जबकि इस व्यवस्था को पहले ठीक कर लिया होता तो शायद इस तरह अचानक भागना नहीं पड़ता। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी निगम प्रशासन ने लापरवाही बरती और शहर में चारों तरफ पानी ही पानी हो गया। जगह-जगह नाले, नालियां बंद हो गई। सड़कों पर पानी नदियों की तरह बहता हुआ नजर आया। कई लोगों के सांसे सड़क के बीचों बीच बहते पानी में अटक गई। गिरते-उठते लोग नजर आए। अनेक जगह सड़कों पर गड्ढों में भरे पानी की वह से लोग चोटिल हुए, किसी की बाइक सड़क के बीचों बीच रूक गई तो कई जगह फोर व्हीलर गाडिय़ां भी रेंक-रेंककर चलती दिखाई दी। कोटगेट, केईएम रोड, नत्थूसर गेट की ढलान वाली सड़क पर मानो कोई नदी चल रही हो। इन सड़कों पर दुपहिया वाहन तैरते नजर आए। बीकानेर में ऐसे हालात तब देखने को मिले जब जिला प्रशासन ने निगम को मानसून को ध्यान में रखते हुए शहर नालों की अच्छी तरह से सफाई करने का बोल दिया था, लेकिन निगम प्रशासन हर बार की तरह इस बार भी जिला कलेक्टर के आदेशों की पालना नहीं। मजे की बात यह भी है, जिला प्रशासन ने वापस सुध नहीं कि नालों की सफाई हो गई या नहीं।
अब आगे कैसा रहेगा मौसम?
पश्चिमी राजस्थान के उत्तर पश्चिमी भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश आगामी 48 घंटों के दौरान होने की संभावना है। 2 व 3 जुलाई से बारिश की गतिविधियों में कमी होने तथा केवल छुटपुट स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बीकानेर में अब तक मानसून की 55.4 एमएम बारिश हुई है। यहां सामान्य बारिश 42.7 एमएम होनी थी। शुक्रवार की बारिश को जोड़कर ये आंकड़ा और बढ़ जाएगा।


