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आज आऊटडोर मेें नहीं मिले चिकित्सक,ये रही वजह

खुलासा न्यूज,बीकानेर। आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार देने के विरोध में प्रदेश के चिकित्सकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है, जिसके तहत शुक्रवार को बीकानेर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में आउटडोर का बहिष्कार किया गया, वहीं इसी निर्णय के समर्थन में आयुर्वेद चिकित्सकों ने समय से अधिक काम करने का निर्णय किया है। शुक्रवार को आयुर्वेद चिकित्सालयों में आम दिनों से अधिक भीड़ नजर आई। दरअसल, सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडिया मेडिसिन की ओर से आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा को अनुमति दी गई है। इसी के विरोध में राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से एक दिन का कार्य बहिष्कार रखा गया है। आपातकालीन सेवाओं और कोविड अस्पतालों को इस बहिष्कार से अलग रखा गया है। सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने कहा है कि 58 प्रकार की शल्य चिकित्सा की अनुमति देने के आदेश असंवैधानिक गैर जरूरी व मरीजों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
सूने रहे आउटडोर, मरीज हुए परेशान
बीकानेर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में चिकित्सकों की ओर से आउटडोर का बहिष्कार करने से मरीजो को परेशानी हुई। पीबीएम अस्पताल में भी कई जगह चिकित्सक नजर नहीं आए। इसके साथ ही सेटेलाइट अस्पताल गंगाशहर, सेटेलाइट अस्पताल जस्सूसर गेट, सभी डिस्पेंसरी भी सूने रहे। यहां रोगी तो पहुंचे लेकिन उन्हें देखने के लिए चिकित्सक नहीं थे। इन दिनों बीकानेर में कोरोना के अलावा डेंगू का प्रकोप है। बड़ी संख्या में लोग तेज बुखार से पीडि़त होने के कारण अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। ऐसे मरीज शुक्रवार को निजी अस्पताल में भी नहीं जा सकें, क्योंकि वहां भी आउटडोर बंद था। आमतौर पर भुजिया बाजार डिस्पेंसरी, अणचाबाई अस्पताल, फोर्ट डिस्पेंसरी, मुरलीधर व्यास कॉलोनी डिस्पेंसरी में सुबह भीड़ रहती है लेकिन शुक्रवार को बहुत कम लोग नजर आए। नर्सिंग स्टॉफ था लेकिन चिकित्सक नहीं थे। पीबीएम के रेजीडेंट चिकित्सकों ने सुबह दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर आंदोलन को समर्थन दिया।
आयुर्वेद चिकित्सक दे रहे हैं अतिरिक्त सेवा
उधर, आयुर्वेद चिकित्सकों के संगठन ने जिला कलक्टर को दो दिन पहले ही पत्र दे दिया था कि वो अतिरिक्त सेवा देने के लिए तैयार है। संगठन के प्रवक्ता डॉ. सुधांशु व्यास ने बताया कि बीकानेर में सभी आयुर्वेद अस्पताल अभी खुले हैं। आउटडोर अधिक होगा तो एक घंटे का लंच भी नहीं करके रोगियों का इलाज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सक केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं और इसे दूरगामी परिणाम वाला निर्णय मानते हैं।

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