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तिवाड़ी की ‘घर वापसी’ बढ़ा ना दे बीजेपी की मुसीबत!, आखिर क्यों बड़े नेता नहीं हुए कार्यक्रम में शामिल ?

जयपुर। राजस्थान के शीर्ष नेताओं में से एक धनश्याम तिवाड़ी के दोबारा बीजेपी में शामिल होने के साथ पार्टी में कई तरह की हलचलें शुरू हो गई हैं। 21 महीने कांग्रेस में रहने के बाद दोबारा बीजेपी में उनके शामिल होने को लेकर कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं प्रदेश बीजेपी संगठन में उनकी एंट्री कई तरह की हलचलों के संकेत दे रही है। इधर कांग्रेस छोड़ दोबारा बीजेपी में शामिल हुए तिवाड़ी का कहना है कि जिन मुद्दों को लेकर उन्होंने पार्टी को छोड़ा था, वो मुद्दे कभी के खत्म हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि शनिवार को बीजेपी ने पार्टी मुख्यालय में धनश्याम तिवाड़ी के दोबारा बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की। यह घोषणा खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने की है।
बड़े नेताओं नहीं हुए शामिल
आपको बता दें कि प्रदेश मुख्यालय में तिवाड़ी की घर वापसी कार्यक्रम की तस्वीरें ने यह संकेत साफ तौर से दिए हैं कि पार्टी में उनका आना सभी के लिए खुशी की बात नहीं है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि शनिवार को हुए इस कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां के अलावा कोई भी बड़ा नेता शामिल नहीं हुआ। इधर बीजेपी विधायक बिहारी लाल विश्नोई ने पूनियां को खत लिखकर कहा है कि जिस तरह पार्टी में धनश्याम तिवाड़ी को शामिल किया गया है, उसी तरह देवी सिंह भाटी को भी शामिल किया जाएं। पूनियां को लिखे गए इस पत्र के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं।
क्यों और कैसे मिली धनश्याम तिवाड़ी को एंट्री
आपको बता दें कि राजस्थान में इतने बड़े फेरबदल को समझने के लिए राजनैतिक समीकरण को समझना बेहद जरूरी है। जानकारों की मानें, तो अब प्रदेश बीजेपी में वसुंधरा विरोधी खेमा तेजी से उभर रहा है। ऐसे में क्योंकि धनश्याम तिवारी क दौर में राजे के घोर विरोधी बन गए थे। लिहाजा ये माना जा रहा है कि राजे विरोधी खेमे को मजबूत करने के लिए तिवाड़ी की वापसी की गई है।
त्रिकोणीय नहीं हो जाएं बीजेपी का शक्तिकरण
आप को बता दें कि तिवाड़ी की कमबैक एंट्री ने कई दिग्गज नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। जानकारों का कहना है कि भविष्य में तिवाड़ी खुद के लिए या परिवार के किसी सदस्य के लिए टिकट की दावेदारी जता सकते हैं। जानकारों का यह भी कहना है कि दिग्गज नेता धनश्याम तिवाड़ी की एंट्री के बाद बीजेपी पूनियां, वसुंधरा राजे और धनश्याम तिवाड़ी जैसे तीन खेमों में बंट सकती है। वहीं अन्य नए खेमे में भी पार्टी में डवलप हो सकते हैं। यानी पार्टी में खेमेबाजी बढ़ सकती है।

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