तिल चतुर्थी और शुक्रवार का योग 21 जनवरी को, इस दिन तिल-गुड़ का दान करें
शुक्रवार, 21 जनवरी को माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इस चतुर्थी का महत्व काफी अधिक है। इस दिन गणेश जी के लिए व्रत-उपवास करें, पूजा करें और तिल-गुड़ का दान जरूर करें।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार शुक्रवार और तिल चतुर्थी के योग में गणेश जी के साथ ही महालक्ष्मी और शुक्र ग्रह की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। चतुर्थी की सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए।
सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद घर के मंदिर में गणेश जी के सामने पूजा और व्रत करने का संकल्प लें। गणेश प्रतिमा पर जल चढ़ाएं। जनेऊ, हार-फूल, वस्त्र आदि अर्पित करें। दूर्वा अर्पित करें। भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं। आरती करें। पूजा के अंत में जानी-अनजानी भूल के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद अन्य भक्तों को प्रसाद वितरीत करें और खुद भी ग्रहण करें। पूजा में गणेश जी मंत्रों का जाप करें।
गणेश पूजा के बाद देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें। दक्षिणावर्ती शंख से देवी का अभिषेक करें। इसके लिए केसर मिश्रित दूध का उपयोग करें। दूध से अभिषेक करने के बाद जल से स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। हार-फूल चढ़ाएं। पूजन सामग्री अर्पित करें। तुलसी के साथ भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। देवी लक्ष्मी के मंत्र ऊँ महालक्ष्मयै नम: मंत्र का जाप करें।
शुक्रवार को शुक्र ग्रह के लिए दूध का दान करें। शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और धूप-दीप जलाकर आरती करें।
जो लोग इस दिन व्रत करते हैं, उन्हें दिनभर निराहार रहना चाहिए यानी अन्न न खाएं। फलाहार कर सकते हैं, दूध का सेवन कर सकते हैं। शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र को अर्घ्य दें, गणेश पूजा करें। इस तरह चतुर्थी का व्रत पूरा होता है।