प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों पर कसा शिकंजा,करनी होगी इन नियमों की पालना

प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों पर कसा शिकंजा,करनी होगी इन नियमों की पालना

जयपुर। प्रदेश की गहलोत सरकार ने एटीएम एवं कैश वैन की लूटपाट की घटनाओं के मद्देनजर कैश परिवहन करने वाली प्रदेश की प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों की लगाम कसते हुए कई तरह की पाबंदियां लगा दी है। सरकार ने लाइसेंस का दुरुपयोग रोकने के लिए सिक्योरिटी एजेंसी रूल्स-2006 में संशोधन किया है।
गृह विभाग के (ग्रुप-9) की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार कैश वैन, कैश वॉल्ट और एटीएम धोखाधड़ी तथा अन्य आंतरिक धोखाधड़ी के मामले बढऩे के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। नकदी ले जाने वाले वाहन के साथ दो हथियारबंद गार्ड होंगे। राज्य में वर्तमान में निजी क्षेत्र की करीब एक हजार कैश वैन का परिचालन हो रहा है। इन कैश वैनों जरिये रोजाना करोड़ों रुपये की नकदी का परिवहन किया जाता है।
प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी के लिए ये होंगे नियम कायदे
– नकदी परिवहन के लिए एजेंसियों को निजी सुरक्षा उपलब्ध करानी होगी.
– उन्हें इस कार्य के लिए आवश्यक संख्या में प्रशिक्षित कर्मचारियों की मदद लेनी होगी.
– प्रत्येक कैश वैन में एक ड्राइवर के अलावा दो सुरक्षा गार्ड और दो एटीएम अधिकारी रखना जरूरी होगा.
– एक हथियारबंद गार्ड को ड्राइवर के साथ आगे की सीट पर बैठना होगा. दूसरा गार्ड पिछली सीट पर बैठेगा.
– नकदी डालने या निकालने के दौरान चाय या भोजनावकाश के समय कम से कम एक हथियारबंद गार्ड को हमेशा नकदी वाली वैन के साथ रहना होगा.
– नकदी परिवहन के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों की सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्ति को प्राथमिकता देनी होगी.
– प्रत्येक कैश वैन में टीपीएस निगरानी उपकरण होना चाहिए.
– कोई भी कैश वैन एक बार में पांच करोड़ रुपये से अधिक की नकदी लेकर नहीं चलेगी.
– कोई भी निजी सुरक्षा एजेंसी नकदी परिवहन के लिए किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति पूरी पुलिस जांच, आधार, आवास पते के सत्यापन, पुराने नियोक्ता से पूछताछ और उसकी पृष्ठभूमि की जानकारी लिए बिना नहीं कर सकेगी.
– प्रत्येक कैश बॉक्स को अलग-अलग चेन के साथ बांधा जाना जरुरी होगा.
– इसके ताले की चाबी अलग-अलग संरक्षक या एटीएम अधिकारी के पास होनी चाहिए.
– एक सुरक्षा अलार्म भी होना चाहिए, जिसमें ऑटो डायलर तथा सायरन की सुविधा हो.
– हमले की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कैश वैन में हूटर, आग बुझाने का यंत्र और इमरजेंसी लाइट होनी चाहिए.
– नकदी की देखरेख करने वाली निजी एजेंसियां बैंकों से भोजनावकाश से पहले नकदी संग्रह करेंगी.
– वे इन नोटों का परिवहन बख्तरबंद वाहनों में ही कर सकेंगी.

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