राजस्थान में ईमानदारी से तैयारी करने वालों का मारा जाता है हक़, उत्तर प्रदेश में नक़ल होते ही रद्द कर दी जाती है परीक्षाएं , दीजिए अपनी राय - Khulasa Online राजस्थान में ईमानदारी से तैयारी करने वालों का मारा जाता है हक़, उत्तर प्रदेश में नक़ल होते ही रद्द कर दी जाती है परीक्षाएं , दीजिए अपनी राय - Khulasa Online

राजस्थान में ईमानदारी से तैयारी करने वालों का मारा जाता है हक़, उत्तर प्रदेश में नक़ल होते ही रद्द कर दी जाती है परीक्षाएं , दीजिए अपनी राय

राजस्थान भर्ती परीक्षाओं का सबसे बड़ा नकल गिरोह बन चुका है। पिछले एक साल में यहां 8 भर्ती परीक्षा हुई। इनमें 6 परीक्षा ऐसी थीं जिनमें या तो पेपर लीक हुए या फिर डमी कैंडिडेट पकड़े गए। यदि इनकी गिनती की जाए तो 100 से ज्यादा लोग इस मामले में गिरफ्तार हुए। इधर, VDO परीक्षा में भी करीब 3 से ज्यादा डमी कैंडिडेट पकड़े गए। सिरोही से नकल व पेपर के शक में भी तीन को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद भी सरकार और आयोग ये मानने को तैयार नहीं कि पेपर लीक हुआ है। जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले सामने आते ही परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया।

सरकार ने प्रयास किए, लेकिन नकल पर लगाम नहीं
नकल रोकने और पेपर लीक रोकने के लिए सरकार ने बार-बार हर परीक्षा में इंटरनेट बंद किया। राजस्थान का नाम जम्मू कश्मीर की तरह सबसे ज्यादा इंटरनेट बंदी करने वाले प्रदेशों में शामिल हुआ। सरकार की कोशिशों के बावजूद ना पेपर लीक पर रोक लग सकी,ना ही परीक्षाओं में नकल पर रोक लग सकी। पेपर लीक केसों में कई जगह सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी पाई गई। खास बात ये रही कि इस बार VDO एग्जाम में सिर्फ सिरोही में नेटबंदी की गई थी, लेकिन वहां ही पेपर लीक हुआ।

इंटरनेट बंद करने से क्या होगा?
कॉम्पिटिशन एग्जाम एक्सपर्ट और पाठशाला क्लासेज के निदेशक संजय कुमार का कहना है कि 4 चरण में कराने के बावजूद पेपर लीक होना बहुत चिन्ता की बात है। सुझाव यह है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में केवल सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाई जाए। जिस डिपार्टमेंट का पेपर है। उनके कर्मचारियों को भी लगाया जाए।

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