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लाखों रुपये की तनख्वाह लेने वालों ने गरीबों के गेहूं को खा गए

नागौर। सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा बार-बार आगाह करने के बावजूद कुछ सरकारी कर्मचारी गरीबों का गेहूं जीमने से बाज नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि आज भी जिले में सैकड़ों जरूरतमंद एवं पात्र परिवार खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समय-समय पर ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, लेकिन फिर भी जिले में कई परिवार ऐसे हैं जो लाखों रुपए की तनख्वाह लेने के बावजूद मुफ्त का गेहूं लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिले की श्रीबालाजी थाना क्षेत्र के चाऊ गांव में सामने आया है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर न केवल खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं उठाया, बल्कि गरीबों का हक मारने से भी नहीं चुके। हद तो तब हो गई, जबकि सरकारी स्कूल के व्याख्याता ने अपने पिता का देहांत होने के बावजूद राशन कार्ड से नाम कटवाने की बजाए गेहूं लेते रहे। हालांकि जागरूक नागरिक की शिकायत पर जिला रसद अधिकारी ने राशन डीलर अरविंदसिंह का लाइसेंस निरस्त कर दिया, लेकिन सरकारी कार्मिकों से गेेहूं की वसूली नहीं होने पर उसने न्यायालय के माध्यम से सात जनों के खिलाफ श्रीबालाजी थाने में तीन अलग-अलग मामले दर्ज कराए हैं।
इनके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे श्रीाबालाजी थाना पुलिस द्वारा मामला दर्ज नहीं करने पर परिवादी ने न्यायालय की शरण ली। जिस पर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नागौर के आदेश पर सुराणा निवासी सूरजाराम पुत्र पेमाराम की रिपोर्ट पर श्रीबालाजी थाना पुलिस ने चाऊ निवासी बोदूसिंह व उनकी पत्नी कैलाश कंवर, अरविंदसिंह पुत्र बोदूसिंह एवं रणवीरसिंह पुत्र समंदरसिंह, जतनकंवर पत्नी समंदरसिंह, निर्मल सिंह पुत्र रणवीरसिंह व संतोष कंवर पत्नी निर्मल सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी लाभ उठाने, सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन करने सहित विभिन्न धाराओं में तीन अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए हैं।
बेटी की शादी के बाद हो गए बच्चे, फिर भी पीहर में उठाते रहे गेहूं रणवीरसिंह, जतन कंवर, निर्मल सिंह व संतोष कंवर के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले में परिवादी सूरजाराम ने बताया कि निर्मलसिंह खुद एयरफोर्स में नौकरी करता है, इसके बावजूद उसका नाम पिता के राशन कार्ड में भी है और खुद का अलग से राशन कार्ड बनवा रखा है। इसी प्रकार रणवीरसिंह की शादीसुदा पुत्री लक्ष्मीकंवर का भी नाम राशन कार्ड में लिखा हुआ है, जिसका ससुराल में राशन कार्ड बना हुआ है। इसी प्रकार बोदूसिंह की पुत्री अनिता कंवर की शादी होने के बाद सीकर के धोद में बने राशन कार्ड में नाम होने के बावजूद चाऊ में भी नाम लिखा हुआ है और गेहूं उठाया जा रहा है।
कलक्टर की अपील भी नहीं आई काम जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने नागौर में ज्वाइन करने के बाद खाद्य सुरक्षा में पात्र परिवारों का नाम जोडऩे के लिए अपात्र लोगों से अपील की थी कि वे आगे आकर अपने नाम कटवा लें। इसके बावजूद सरकारी कार्मिकों ने नाम कटवाना उचित नहीं समझा।

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