ठिठुरते मरीजो के लिए , धरती के भगवन का नहीं पसीजता दिल, पढ़े पूरी खबर

ठिठुरते मरीजो के लिए , धरती के भगवन का नहीं पसीजता दिल, पढ़े पूरी खबर

बीकानेर। एक तरफ जहां प्रदेश में ठंडा का कड़ा प्रकोप चल रहा है पूरे प्रदेश में शीतलहर चल रही है जहां स्वस्थ व्यक्ति भी अपने घर 10 बजे से पहले नहीं निकलता है। लेकिन धरती के भगवान कहलाने वाले डॉक्टरों का दिल मानों पत्थर बन गया है। अपनी कमाई करने के लिए मरीजों को अपने घर में सुबह 6 बजे ही बुला लेते है और स्वयं देखने शुरु 8 बजे के करीब करते है। मरीज 2 घंटे तक इस कड़ाके की ठंड में डॉक्टरों के घर के आगे ठिठुरते बैठे रहते है। उनकी मजबूरी है कि उनको डॉक्टर को दिखाना है क्योंकि डॉक्टर साहब ने उनको घर नहीं ही बुलाया है। पीबीएम के सभी डॉक्टरों का यही हाल है अगर पड़ताल की जाये तो सुबह 6 बजे डॉक्टरों के घर आगे मरीज व उनके परिजन आपको ठिठुरते नजर आयेंगे। एक तरफ जहां ठंड के बचने के उपाय किये जा रहे है कि किसी को ठंड से कोई परेशानी ना हो लेकिन डॉक्टर साहब तो पीबीएम जाने से पहले करीब 50 मरीज देखने का टारगेट जो पूरा करना होता है उसके लिए चाहे बाहर ठंड हो चाहे बारिश हो जिसको दिखाना है उसको 6 बजे पहुंचना होगा।पीबीएम प्रशाासन व जिला प्रशासन भी इन मरीजों के लिए भगवान बनकर नहीं आ रहा है कि किसी तरह डॉक्टरों पर ये पांबदी लगा दि जाये कि वह अपने घर मरीज शाम को समय ही देखे। लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि डॉक्टर अपनी मर्जी के मालिक है।

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