शहर की इस स्कूल ने मासूम की पढाई में बनी बाधा, आरटीई के तहत एडमिशन होने के बाद भी ली फीस, नहीं देने पर निकाला स्कूल से

शहर की इस स्कूल ने मासूम की पढाई में बनी बाधा, आरटीई के तहत एडमिशन होने के बाद भी ली फीस, नहीं देने पर निकाला स्कूल से

सरकारी आदेशों की जमकर उडाई धज्जिया
शहर की इस स्कूल ने मासूम की पढाई में बनी बाधा, आरटीई के तहत एडमिशन होने के बाद भी ली फीस, नहीं देने पर निकाला स्कूल से
बीकानेर। एक तरफ राज्य सरकार का नारा बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओं का कह रही है। लेकिन ये सब कहने से ही होता है जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है। हम बात कर रहे है शहर के गंगाशहर के भीनासर स्थित आदर्श विद्या मंदिर किसमीदेसर में 2024-25 में एक बालिका का एडमिशन आरटीई के तहत हुआ। आरटीई में एडमिशन के बाद पूरी फीस राज्य सरकार देती हे लेकिन कुछ स्कूल संचालक अपनी मनमर्जी के तहत अभिभावको से रुपए एठते है। ऐसा ही एक मामला आदर्श विद्या मंदिर किसमीदेसर सेसामने आया है जहां पर पीपी3 में तानिश गहलोत पुत्री राजा राम निवासी हनुमान मंदिर के पीछे का प्रवेश हुआ। प्रवेश के बाद स्कूल संचालक ने किताबों के पैसे व फीस की मांग की इस पर अभिभावकों ने 2000 व एक एक हजार की दो बार जमा कर दिया उसके बाद भी स्कूल संचालक फीस की डिमांड करता रहा है और बच्ची को परेशान करते रहे। स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि आरटीई प्रवेश के बाद स्कूल में फीस जमा करवानी पड़ती है प्रधानाचार्य द्वारा भी बार बार परेशान किया ओर बोले पूरे सत्र की फीस 7400 रुपये जमा करवाओं। जब अभिभावकों ने इसकी शिकायत 29 अगस्त 2024 को डीओ साहब प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय रानी बाजार चौपड़ा कटला व निदेशक को दी बाद में उन्होने बच्ची को कुछ नहीं लेकिन सत्र खत्म होने के बाद स्कूल प्रशासन द्वारा ग्रुप में एक मैसेज भेजते है कि ग्राीष्ककालीन अवकाश 18 जून को समाप्त हो गया और 10 जून से स्कूल नियमित लगेगी। इस लिए सभी बच्चे सुबह 7:30 बजे से 12 बजे तक अपना टिफन लेकर शाला में आए। जबकि सरकार का साफ आदेश है कि कोई भी स्कूल संचालक ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शाला संचालित की तो उस पर कार्यवाही की जायेगी। लेकिन आदर्श विद्या मंदिर स्कूल पर ये आदेश मान्य नहीं है वो अपनी मनमानी करता नजर आता है। अभिभावक ने बताया कि जब बच्ची शाला में गई तो स्कूल प्रधानाचर्या ने बच्ची के अभिभावको को फोन करके कहा अपनी बच्ची को यहां से ले जाओं या फीस जमा करवाकर रसीद प्राप्त करों उसके बाद ही शाला में भेजना। जब सरकार ने आइटीई के तहत फ्री है शिक्षा तो स्कूल संचालक फीस कैसे मांग सकते है। मजे की बात तो यह है कि शिक्षा विभाग के पास इस स्कूल की शिकायत भी हो गई लेकिन राजनैतिक प्रभाव के चलते स्कूल पर किसी तरह की कार्यवाही आज तक नहीं हुई। अगर इस तरह की छूट दी गई तो मध्यम वर्ग के बच्चे अपनी पढ़ाई कैसे करेंगे।
अभिभावक राजा राम पुत्र तोलाराम निवासी हनुमान मंदिर के पीछे को स्कूल के संचालक ने फोन धमकी दी कि हमें आरटीई से पैसे नहीं मिलते है इसलिए फीस तो देनी होगी। दो साल की फीस जमा करवाओं तो बच्ची को स्कूल भेजना अन्यथा मत भेजना।

हमने स्कूल 19 जून को खोली ली है अगर सरकार को बंद करवानी है तो वो हमारे पास आकर कहे हम बंद कर देंगे। हमारे आस पास के सभी स्कूलें खुले है तो हम क्यों बंद रखे। आरटीई के तहत हमें अभी सरकार पैसे नहीं दे रही है जब तक सरकार पैसे नहीं देगी हम बच्चों से फीस लेंगे। इसलिए बच्चों के अभिभावकों बोला है फीस जमा करवाओं।
अनसूईया रामावत
आदर्श विद्या मंदिर किसमीदेसर
प्रधानाचार्य

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