
यह तस्वीर अच्छी नहीं है फिर से जाम, शहरवासी समझें अपनी जिम्मेदारी





बीकानेर. अगर जनता चाहे तो बड़ी से बड़ी समस्या का हल हो सकता है। लेकिन इन समस्याओं के हल के लिए बीकानेर की जनता प्रशासन व अधिकारियों की कहना मानें तो सही। पिछले कई वर्षो से कोटगेट व सांखला फाटक के पास जाम की समस्या को लेकर शहरवासी काफी परेशान थे, लेकिन एक अधिकारी ने इस जाम की समस्या का हल भी निकाला। जिससे शहरवासियों को ट्रैफिक जाम से काफी राहत मिली। शनिवार को होली के अवसर पर जब पुलिसकर्मी होली मना रहे थे, तो शहर के कई ट्रैफिक प्वाइंट पर पुलिस नहीं होने की वजह से शहरवासी बेधड़क होकर वनवे की व्यवस्था ना मानकर फिर से कोटगेट फाटक के पास जाम करने लगे। कुछ लोगों द्वारा इन वनवे की व्यवस्था की पालना कर रहे है लेकिन अन्य लोगों को देखकर वे लोग भी जाम में फंसे रहते है।
हाल ही में बीकानेर के संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज.के.पवन ने कोटगेट फाटक के पास जाम की समस्या को हल करने के लिए वनवे की व्यवस्था कर दी थी। इससे शहरवासियों को ट्रैफिक जाम से राहत भी मिली। इसके परिणाम भी अच्छे आने लगे। चारों तरफ संभागीय आयुक्त के कार्यो की प्रशंसा होने लगी। लेकिन बीकानेरवासी फिर से उसी ट्रैफिक जाम में जाना चाहते है। ऐसे में बीकानेर में एक अधिकारी की पहल पर एक व्यवस्था सुधरने लगी है तो इन व्यवस्था को ठीक व व्यवस्थित रूप से चलाने का काम भी जनता का ही है। हालांकि शहर में संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर तो आते जाते रहेंगे। इन अधिकारियों के ट्रांसफर तो एक या दो साल में होकर ये तो दूसरी जगह चले जाएंगे, लेकिन जो व्यवस्था इन अधिकारियों की ओर से की गई है उन्हें ठीक तरह से लागू करना व उनकी पालना भी शहरवासियों की जिम्मेदारी है। हम शहरवासियों को समझना होगा कि हमें फिर से कोटगेट व सांखला फाटक के पास घंटों धूप में खड़े होकर जाम में फंसे रहना है या दो मिनट दूसरे रास्ते का उपयोग कर वनवे व्यवस्था सुचारू रखनी है। जब तक शहरवासी स्वयं ठान नहीं लें कि वनवे की व्यवस्था का पालन करना है तो तब तक कोटगेट व सांखला फाटक के पास जाम की समस्याएं बनी रहेंगी। वहीं इस भरी धूप में भी यातायात पुलिसकर्मी में पूरे दिन टै्रफिक प्वांइटों पर खड़े होकर ड्यूटी नहीं कर सकते है,ऐसे में शहरवासियों को ही समझना होगा कि वे ही अपनी जिम्मेदारी को समझकर वनवे की व्यवस्था का पालन करें और जाम से निजात पाएं।


