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घरेलू बिजली सब्सिडी को लेकर आई ये खबर

घरेलू बिजली सब्सिडी को लेकर आई ये खबर

जयपुर। राजस्थान के 30 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी सियासत में उलझी हुई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी शुरू की थी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया। सत्ता बदलने का असर इस योजना पर पड़ा। भाजपा सरकार ने दोबारा रजिस्ट्रेशन यह कहते हुए शुरू नहीं किया कि योजनाओं की समीक्षा करेंगे। ऊर्जा मंत्री लगातार यही दोहराते रहे, लेकिन अभी तक न तो सब्सिडी में परिवर्तन को लेकर फैसला कर पाए और न ही नए रजिस्ट्रेशन शुरू किए गए। इससे वे उपभोक्ता प्रभावित हैं, जिन्होंने नया मकान बनाया या खरीदा है। उपभोक्ता दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि वे भी इससे जुड़ सकें।

यह है योजना
पिछले वर्ष एक जून से नए कलेवर में फ्री बिजली व सब्सिडी शुरू की गई। इसमें 100 यूनिट तक बिजली खपत वाले 1.04 करोड़ उपभोक्ताओं का बिल शुल्क शून्य हो गया। वहीं, जिन उपभोक्ताओं के बिजली खपत 100 यूनिट से ज्यादा और 200 यूनिट से कम हैं, उनसे केवल एनर्जी शुल्क लिया जा रहा है। इससे ज्यादा बिजली खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को अधिकतम 750 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। इसमें उन्हीं उपभोक्ताओं को शामिल किया गया, जिन्होंने महंगाई राहत कैप में रजिस्ट्रेशन कराया था।
100 यूनिट तक बिजली बिल पूरी तरह माफ
100 से 150 यूनिट तक प्रति यूनिट 3 रुपए अनुदान
150 से 300 यूनिट तक प्रति यूनिट सरकार 2 रुपए अनुदान।

इस तरह समझें
प्रदेश में 1.60 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 1.29 करोड़ है। इनमें से रजिस्टर्ड 98.24 लाख उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिल रही है। बाकी 30.86 लाख उपभोक्ता रजिस्टर्ड नहीं है। इनमें एक ही नाम से दो घरेलू कनेक्शन, नए भवन मालिक शामिल हैं।

 

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