
राजस्थान का यह शख्स गर्भवती पत्नी के साथ त्रिपुरा में फंसा, बच्चा हुआ तो नाम रखा ‘लॉकडाउन





जयपुर । लॉक डाउन के कारण इस पूर्वोत्तर राज्य में फंसे राजस्थान के २७ से अधिक लोगों के लिए रेलवे पुलिस भगवान के अवतार से कम नहीं हैं। पुलिस का यह रूप शायद ही पहले कभी देखने को मिला हो। पुलिस न सिर्फ इन परिवारों के खाने-पीने का इंतजाम कर आश्रय प्रदान कर रही है, बल्कि एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाकर उसका प्रसव तक कराया।
60 से अधिक लोग फंसे हैं
लॉकडाउन की घोषणा के बाद राजस्थान के साठ से अधिक त्रिपुरा में फंसे हुए हैं। इनमें से १४ लोगों ने अगरतला रेलवे स्टेशन के पास स्थित बदरघाट हायर सैकेंडरी स्कूल में शरण ले रखी है। रेलवे पुलिस ही इन वक्त इन परिवारों की तारनहार बनी हुई है। राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले संजय (३२) की हालत लॉकडाउन पर दोहरी मार पड़ गई होती यदि रेलवे पुलिस सहायता नहीं करती। एक तो लॉक डाउन की मुसीबत ऊपर से गर्भवती पत्नी का प्रसव कराना। रेलवे पुलिस ने संजय की पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराकर प्रसव कराया। प्रसव के बाद भी रेलवे पुलिस ने फल और अन्य खाने-पीने का सामान मुहैया कराया।
बच्चे का नाम ‘लॉकडाउन’ रखा
लॉकडाउन में बच्चा होने के कारण पति-पत्नी ने उसका नाम भी लॉकडाउन रख दिया। संजय कहता है मुझे जीवन में कभी भी इस तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ा, यह संकट और पुलिस से मिली मदद जीवन भर याद रहेगी। उसकी पत्नी कहती है गांव जाकर परिवार वालों से मिलना है, पर लॉक डाउन के चलते मजबूर हैं।
रेलवे पुलिस की मदद >जीआरपी के पुलिस अधीक्षक पिनाकी सामंता ने कहा कि राजस्थान के प्रवासी श्रमिक अगरतला रेलवे स्टेशन पर लॉकडाउन के चलते फंस गए। हमने खाना, दवा और अन्य जरुरी सामान मुहैया कराया है। हमने २७ प्रवासी विक्रेताओं को आसरा और खाना दिया है। राहत स्कूल में रह रही साठ साल की कमला ने कहा कि हमें यहां चीनी, चाय और साबुन नहीं मिल रहा है। हमारे पास पैसे भी नहीं है। मेरे पति का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए मैं वापस हमारे गांव जाना चाहती हूं। उनके पास गांव में कोई नहीं है। मैं सरकार से मदद मांग रही हूं।<

