बीकानेर का ये लाडला है ग्लोरी रन का सदस्य

बीकानेर का ये लाडला है ग्लोरी रन का सदस्य

बीकानेर। ग्लोरी रन का भारतीय वायु सेना के बारे में जानकारी देने के साथ साथ कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फिट इंडिया मूवमेंट को बढ़ावा देने,पैदल यात्री सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने,स्वच्छ भारत एवं स्वस्थ भारत को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के साथ ग्लोरी रन का एक दल भारत भ्रमण कर रहा है। इस टीम में 32 सदस्य है इसमें 20 मुख्य रनर और बाकी सहायक दल है। इस टीम द्वारा 10000 फिट से 18000 फिट की पहाडिय़ों की दूरी बिना किसी झिझक और थकान के पूरी कर ली है।

 

इस टीम का उत्साह इसी बात से देखा जा सकता है कि इस टीम ने 40 डिग्री की भीषण गर्मी में भी अपनी दौड़ को पूरा करके अंजाम दिया है। राजस्थान की पावन धरा से 8 वायु योद्धाओं का चयन हुआ है। ये सभी 8 सदस्य भिन्न भिन्न जगहों पर देश की सेवा में तैनात है। इनमें सार्जेंट गोरखा राम,सार्जेंट भानु प्रताप मुंडेल,सार्जेंट गणपत सिंह राजपुरोहित,कार्पोरल ओमप्रकाश सारण,कार्पोरल बुधा राम,कार्पोरल राकेश विश्नोई,कार्पोरल अमर देवंदा,एलएसी अमरा राम शामिल है। ग्लोरी रन टीम नवंबर को कोहिमा में समाप्त करके दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगी। दिल्ली में टीम का स्वागत भारतीय वायु सेना के प्रमुख और भारत के रक्षा मंत्री द्वारा किया जाएगा।

 

बीकानेर के लाडले ओमप्रकाश भी है शामिल
बीकानेर निवासी कार्पोरल ओमप्रकाश सारण जो की दिल्ली में तैनात है। इन्होंने दिल्ली में रहते हुए सैकड़ों मैराथन और अल्ट्रा मैराथन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर बीकानेर का और भारतीय वायु सेना का नाम रोशन किया है। इन्होंने सर्वप्रथम लेह में आयोजित होने वाली दुनिया की मुश्किल मैराथन में से एक खारदुंगला चैलेंज 72 किलोमीटर 2017 में हिस्सा लेकर द्वितीय स्थान पर रहे उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार 58 किलोमीटर 74 किलोमीटर 80 किलोमीटर 84 किलोमीटर और 100 किलोमीटर में भाग लेकर उन्हें सफलतापूर्वक पदक हासिल किया। इनका मुख्य लक्ष्य 24 घंटे स्टेडियम रन में 210 किलोमीटर रन के साथ भारत का विश्व स्तर पर प्रतिनिधित्व करना और आयरनमैन सफलतापूर्वक करना है।

 

ओमप्रकाश सारण का खेलो के प्रति रुझान शुरू से रहा है और वो सभी अभिभावकों से अपील भी करते है की अपने बच्चों के स्वस्थ एवं कुशाल जीवन के लिए बच्चों को खेलों के प्रति रुझान बढ़ाए। सारण के आलावा सार्जेंट गोरखा राम और सार्जेंट भानु प्रताप मुंडेल ने भी विभिन्न स्तरों पर भारतीय वायु सेना का दौड़ में प्रतिनिधित्व कर चुके है। ये दोनों वायुसैनिक भी इसी टीम का मुख्य हिस्सा है। सभी राजस्थान के वीर सपूत भिन्न भिन्न जगहों से आकर भी भारत का नाम रोशन करने में हमेशा आगे रहते है।

21 सितम्बर को टीम हुई रवाना
भारतीय वायसेना द्वारा 21 सितंबर को कारगिल युद्ध स्मारक द्रास से ग्लोरी रन टीम हरी झंडी दिखाकर एयर वाइस मार्शल पी एम सिन्हा एओसी जम्मू एवं कश्मीर द्वारा रवाना की गई।इस टीम द्वारा 4500 किलोमीटर की दूरी 45 दिन में रनिंग के माध्यम से तय की जाएगी। प्रत्येक दिन 100 किलोमीटर की दौड़ लगा कर ये वायु योद्धा 5 नवंबर को कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान पर समाप्त करेंगे। इस टीम में 20 रनर है जो 5-5 की 4 टीमों में विभाजित है। ये प्रत्येक दिन 25 किलोमीटर की दौड़ लगाकर 100 किलोमीटर पूरा करते है।इस टीम का चयन स्क्वाड्रन लीडर अमित दलाल की देखरेख में दिल्ली में 6 घंटे की रनिंग और ट्रेनिंग के बाद किया गया। इस टीम का संचालन स्क्वाड्रन लीडर सुरेश राज़दान जो की यू-30 के पायलट है, द्वारा किया जा रहा है। अभी तक इस टीम द्वारा 3200 किलोमीटर की सफलता पूर्वक रनिंग करके बिहार राज्य में प्रवेश कर लिया गया है। इस टीम द्वारा अब तक जम्मू कश्मीर की पहाडिय़ों एंव माइनस डिग्री वाले तापमान से हो कर हिमाचल प्रदेश, पंजाब हरियाणा उत्तराखंड उत्तरप्रदेश और बिहार राज्य को कवर कर चुके है।

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