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कर्जा और बीमारियों से छुटकारे के लिए होता है ये व्रत,  5 अप्रैल 2022 को बनेगा ये संयोग

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। यदि विनायकी चतुर्थी का ये व्रत मंगलवार को आता है, तो इसे अंगारक गणेश चतुर्थी कहते हैं। 13 जुलाई के बाद 7 दिसंबर को ये संयोग बन रहा है।

इस व्रत में भगवान श्रीगणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाए तो हर मनोकामना पूरी हो जाती है। आज बनने वाला अंगारक चतुर्थी का संयोग साल का आखिरी है। इसके बाद अगले साल 5 अप्रैल को ये संयोग फिर बनेगा। 2022 में ये संयोग सिर्फ 1 ही बार बनेगा।

चतुर्थी का महत्व
महाराष्ट्र और तमिलनाडु में चतुर्थी व्रत का सर्वाधिक प्रचलन है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का अत्यधिक महत्व है। शिव पुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन दोपहर में भगवान गणेश का जन्म हुआ था। माता पार्वती और भगवान शिव ने उन्हें पुत्र रूप में प्राप्त किया था। उनके प्रकट होते ही संसार में शुभता का आभास हुआ। जिसके बाद ब्रम्हदेव ने चतुर्थी के दिन व्रत को श्रेष्ठ बताया। वहीं कर्ज एवं बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार को चतुर्थी व्रत और गणेश पूजा की जाती है।

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