
कांग्रेस के इस मंत्री ने चुनाव लडऩे से किया इनकार, राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा लेटर





खुलासा न्यूज नेटवर्क। वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने चौथी बार चुनाव लड़ने से इनकार किया है। इससे पहले वो साल 2008, 2013 ओर 2018 में चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। गुरुवार को चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से अपनी जगह किसी युवा नेता को टिकट देने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने खड़गे को लेटर भी लिखा है। वे सार्वजनिक मंच से कई बार इसकी घोषणा कर चुके हैं। गुरुवार को लेटर लिख कर उन्होंने पार्टी को अपनी मंशा बता दी है। साथ ही इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है- पार्टी ने मुझे 6 बार मौका दिया। अब मैं जीवन के ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां मैं सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं ले पाऊंगा। वरिष्ठ नेता का कर्तव्य है कि वह युवाओं को राजनीति में आने के लिए स्थान दें।
2008 से लगातार तीन चुनावों से इनकार, लेकिन आखिर में लड़े
मंत्री हेमाराम चौधरी ने साल 2008, 2013 ओर 2018 के चुनावों की तरह इस बार भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। साल 2013 के चुनाव में मंत्री हेमाराम चौधरी अहमदाबाद गुजरात चले गए थे। मीडिया में उन्होंने बयान दिया था कि राहुल गांधी का फोन आया तब उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए हां भरी। 2018 के चुनावों में भी मना कर दिया था लेकिन उस समय भी जनता ने मीटिंग बुलाई थी। यहां जनता ने चुनाव लड़ने का प्रेशर बनाया तो वे दोबारा चुनावी मैदान में उतरे। इससे पहले 17 अक्टूबर को उन्हें मनाने के लिए गुड़ामालानी के स्थानीय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने एक मीटिंग भी की थी। इसमें उन्होंने साफ कहा था- मैं चुनाव नहीं लडूंगा। अगर आप लोग जिद करते हैं तो मैं अन्न-जल त्याग दूंगा।
सक्रिय राजनीतिक जीवन के लिए असमर्थ हूं
मंत्री हेमाराम चौधरी ने लेटर में लिखा- पार्टी ने मुझे 6 बार विधानसभा के सदस्य के रूप में जनता की सेवा करने का अवसर दिया। इसके अलावा राज्य सरकार के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाकर पूरे प्रदेश की सेवा करने का मौका दिया। अब मैं जीवन के ऐसे पड़ाव पर खड़ा हूं, जहां मैं खुद को सक्रिय राजनीतिक जीवन के लिए पूरी तरह से समर्पित करने में असमर्थ हूं। मैंने हमेशा माना है कि जिस तरह पार्टी ने मुझे कम उम्र में बड़ी जिम्मेदारी दी थी, वैसे ही मुझे आगे आने वाली पीढ़ी को मौका देना चाहिए।
किसी युवा को स्थान देना वरिष्ठ नेता का कर्तव्य
चौधरी ने लिखा- मेरा अपना मानना है कि प्रत्येक उम्रदराज और वरिष्ठ नेता की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह युवा नेताओं को प्रेरित करें। उन्हें राजनीति में स्थान दें। उन्हें आगे बढ़ने का मौका दें। अगर इस एहसास के बावजूद मैं चुनाव लड़ना जारी रखता हूं तो यह राजस्थान की जनता और कांग्रेस पार्टी के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। चिट्ठी में लिखा कि आगामी चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में नहीं, बल्कि एक साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में हिस्सा लूंगा।


