
शहर के इस व्यस्तम मार्केट को टैक्सी व ठेले वालों ने घेरा, यातायात पुलिस ने बंद कर रखी है अपनी आंखे, देखें वीडियो





खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर शहर के अति व्यस्तम मार्केट प्रेमजी प्वांइट से कोलया गली की तरफ जाने वाले रास्ते को इन दिनों यातायात की अव्यवस्था के चलते लोगों को खासा परेशान होना पड़ रहा है। यह महिलाओं से जुड़ा मार्केट है, जहां दिनभर महिलाओं व युवतियों का आना जाना रहता है, लेकिन इस सड़क को चारों तरफ से पुचके-पापड़ी बेचने वाले ठेलों व टैक्सियों ने घेर रखा है। इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह बाधित हो रही है। इस यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए एक भी यातायात पुलिसकर्मी खड़ा नजर नहीं आता, जबकि यहां तो हर वक्त महिला सहित पुरुष कर्मचारी की तैनाती होनी चाहिए, क्योंकि यहां दिनभर बड़ी संख्या में महिलाओं का आना जाना रहता है। यहां के दुकानदार बताते है कि इस अव्यवस्था से वे काफी परेशान है, दिन में एक भी पुलिसकर्मी तैनात नहीं रहता, ऐसे में जिसके जो मर्जी आए वो यहां अपना वाहन खड़ा कर जाता है। बड़ी संख्या में पुचके-पापड़ी बेचने वाले खड़े रहते है, जिन्होंने पूरी सड़क को अपने कब्जे में ले लिया। दुकानदारों ने बताया कि पुलिस कभी कबार अचानक आती है और आनन-फानन में इतर-बितर खड़े वाहनों को उठाकर ले जाती है और अपनी पर्ची काटकर वापिस छोड़ देती है। यानि स्थाई रूप से कोई व्यवस्था नहीं है।
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बता दें कि ट्रैफिक अव्यवस्था के ये हाल केवल यहां ही नहीं, बल्कि शहर के अधिकांश इलाकों में है। जहां पुलिस केवल और केवल चालान काटने के लिए खड़ी रहती है, यातायात व्यवस्था को कैसे सुदृढ़ बनाना है, इस और ध्यान ही नहीं दिया जाता। एक दिन अचानक अभियान चलाया जाता है और उस अभियान के तहत वाहन चालकों के चालान काटने शुरू कर दिए जाते है, ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस की इस कार्यप्रणाली से क्या शहर की यातायात व्यवस्था सुधर पाएगी? पुलिस की इस कार्यप्रणाली से समझ नहीं आता कि आखिर पुलिस जनता के चालान काटने के लिए बनी है या फिर अव्यवस्था में सुधार के लिए। क्यों नहीं पुलिस द्वारा ऐसी व्यवस्था कर दी जाए जिससे लोग नियम-कायदें मानने पर मजबूर हो जाए, जैसे बड़े शहरों में होता है। कुछ गलत किया, तुरंत चालान कट गया। लेकिन वर्तमान की व्यवस्था से नहीं लगता कि शहर की यातायात व्यवस्था में कभी सुधार होगा।
शहर की ऐसी कई व्यस्तम सड़के हैं, जो टूटी-फूटी पड़ी है, पुलिस प्रशासन क्यों नहीं जिला प्रशासन को बताता कि ये टूटी-फूटी सड़कें भी हादसे के कारण बन रही है, क्योंकि हेलमेट चैकिंग के दौरान पुलिस यही कहती है कि हम आपकी सुरक्षा के लिए ये सब कर रहे है, अगर वास्तव में जनता की सुरक्षा ही करना है तो जिला प्रशासन को भी अवगत कराना चाहिए कि शहर की अधिकांश सड़कों के हालात खराब है, पहले उनमें सुधार करवाया जाए। क्योंकि टूटी-फूटी सड़कों के कारण हर रोज हादसे हो रहे है। क्यों नहीं आवारा पशुओं की समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन को बताया जाता कि पशुओं के कारण आये दिन हादसे हो रहे है, कई दफा तो व्यक्ति को जान भी गवानी पड़ी है।

