इसी महीने बिकने जा रहा ये बड़ा सरकारी बैंक! तैयारी शुरू, कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं? - Khulasa Online इसी महीने बिकने जा रहा ये बड़ा सरकारी बैंक! तैयारी शुरू, कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं? - Khulasa Online

इसी महीने बिकने जा रहा ये बड़ा सरकारी बैंक! तैयारी शुरू, कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं?

निजीकरण के खिलाफ सरकारी कर्मचारी लगातार हड़ताल कर रहे हैं, बावजूद इसके सरकार ने अपना पक्ष साफ कर दिया है. सरकार आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया इसी महीने शुरू करने जा रही है. विभाग से संबंधित एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार बैंक के निजीकरण के लिए प्रारंभिक निविदाएं आमंत्रित कर सकती है. केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) 7 अक्टूबर को संभावित बोलीदाताओं से रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) आमंत्रित करेगा.

अब बात करते हैं सर्कार के हिस्सेदारी की तो IDBI Bank में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है. बताया जा रहा है कि सरकार और एलआईसी आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी बेचेगी और फिर खरीदार को मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा.
आरबीआई 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे सकता है. जानकारी के अनुसार, केंद्र 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) आईडीबीआई बैंक में 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा. दीपम के सचिव ने ट्वीट कर जानकारी दी, ‘आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार और एलआईसी हिस्सेदारी के स्ट्रैटेजिक विनिवेश के साथ मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए बोलियां मंगवाई जाएंगी.’

गौरतलब है कि आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है और सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे, हालांकि अनुमान है कि इसे 180 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है. दीपम ने कहा, ‘सफल बोली लगाने वाले को आईडीबीआई बैंक के सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होगी.’

दरअसल, सरकार ने कई कंपनियों की लिस्ट बनाई है, जिसका निजीकरण किया जाएगा. लगभग आधे दर्जन से अधिक सार्वजनिक कंपनियों की सूची बनी हुई है. इनमें शिपिंग कॉर्प, कॉनकॉर, विजाग स्टील, आईडीबीआई बैंक, एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट और एचएलएल लाइफकेयर को शामिल किया गया है. इतना ही नहीं, सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-2023 में अब तक सरकार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSE) के विनिवेश से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटा चुकी है.

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