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बीकानेर जिले में रहने वाले इस फरार तस्कर को एसओजी ने नेपाल बॉर्डर से दबोचा

बीकानेर जिले में रहने वाले इस फरार तस्कर को एसओजी ने नेपाल बॉर्डर से दबोचा
बीकानेर। राजस्थान में नशीली दवाओं के कुख्यात माफिया सुशील करनानी को एसओजी नेपाल बॉर्डर के पास रसौल में धर दबोचा। आरोपी सुशील करनानी एनडीपीएस एट के तीन मामलों में बीते चार साल से फरार चल रहा था, उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था। एसओजी के अनुसार आरोपी सुशील करनानी (42) पुत्र छगनलाल करनानी निवासी हिमतसर नोखा-बीकानेर हाल तिरुपति टाउन करधनी जयपुर में रह रहा था। आरोपी के खिलाफ अजमेर में थाना अलवर गेट व रामगंज में एनडीपीएस एट के मामले दर्ज थे। एसओजी की टीमों ने गाजियाबाद व दिल्ली सहित कई संभावित स्थानों पर आरोपी की तलाश की। तकनीकी विश्लेषण और फील्ड वेरिफिकेशन से पता चला कि आरोपी तिनसुखिया, जोरहाट (असम) और दीमापुर (नागालैंड) में छिपा था। वहां से फरार होने के बाद वह नेपाल चला गया। पूछताछ में आया कि आरोपी ने बायोमैसटार फार्मास्यूटीकल्स, दीमापुर, नागालैंड के नाम से फर्जी फर्म बनाई थी। इसके जरिए वह हिमालया मेडिटेक प्रा. लि. देहरादून से ट्रामाडोल और एलप्राजोलम की टैबलेट्स व कैप्सूल खरीदता था। सुशील करनानी के खिलाफ जोधपुर, जयपुर, बीकानेर में नशीली दवा तस्करी के मामले में एनडीपीएस एट 8-22 के तहत 27 प्रकरण दर्ज हैं। एसओजी ने खंगाला था दवा तस्करी का नेटवर्क जानकारी में रहे कि दो साल पहले एसओजी ने अजमेर में करीब 11 करोड़ रूपए कीमत की नशीली दवाओं की खेप पकड़ी थी। एसओजी ने इस मामले में ततीश कर देश भर में दवा तस्करी के नेटवर्क को खंगाला था। एसओजी की जांच रिपोर्ट के अनुसार दवा के काले कारोबार का मास्टरमाइंड सुशील करनानी पुत्र छगनलाल करनानी है। जांच में सामने आया है कि दवा तस्करी नेटवर्क को देश भर में संचालित करने वाले
सुशील करनानी ने जयपुर में रमैया एंटरप्राइजेज, दीमापुर नागालैंड में बायोमेसेरवर फर्मासिटीकल्स, गुरुग्राम हरियाणा में मोनटेस फर्मासिटिकल्स, देहरादून उाराखंड की हिमालय मेडीटेक सेलाकुई फर्म के जरिए अजमेर सहित देश के कई शहरों में नशीली दवाओं की तस्करी की है। करनानी के काले कारोबार में गोटन नागौर निवासी कमलदीप मौर्य, जगतापुरा जयपुर निवासी हरेराम, दवा सप्लाई करने वाली कंपनियों के संचालक शामिल है। एसओजी को सुशील करनानी और दवा कंपनियों के संचालकों के साथ पार्टनरशिप के कागजात भी मिले थे। करोड़ों की संपति का मालिक है सुशील करनानी सुशील करनानी ने महज 6 सालों में राजस्थान और उारप्रदेश में नशीली दवाइयां सप्लाई का नेटवर्क खड़ा किया। उसके जाल में फंसे सैकड़ों युवा और मेडिकल स्टोर संचालक नशा बेचते हुए पकड़े गए। लाखों युवा नशे की जद में आए। लेकिन खुद सुशील बेशुमार दौलत का मालिक बनता
गया। उसने करोड़ों रुपए कमाए और ऐशो-आसाम के लिए कई जगह संपाियां खरीदीं। असम के जोरहट जिले में एक फार्म हाउस, नागालैंड के दीमापुर में फार्म हाउस, असम में मकान, नागालैंड में मकान, जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में मकान और प्लॉट, जयपुर के कालवाड़ रोड पर एक घर, दो प्लॉट, दिल्ली में लैट ले रखे हैं। सुशील सोशल मीडिया पर एटिव नहीं रहता था।
इन दो फर्मों से आज भी
नशीली दवाइयां सप्लाई हो रहीं
सुशील ने पेसिफिक फार्मास्युटिकल और बायोमेक्चर फार्मास्युटिकल्स एक ही नाम की दूसरी फर्म नाम से दो फर्म बनाई। इनमें पेसिफिकफार्मास्युटिकल्स बीकानेर आज सबसे ज्यादा ड्रग सप्लाई इन्ही दो फर्मों से होती है। ड्रग के इस रैकेट को पूरे राजस्थान में चलाने के लिए सुशील ने अपने पुराने दोस्तों को साथ मिलाया। फिर उनकी बदौलत राजस्थान के 33 जिलों के साथ-साथ उार प्रदेश के कुछ जिलों में नशीली दवाइयों को बेचने का नेटवर्क खड़ा किया।

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