
बीकानेर : गर्भवती रचना की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण, अभी तक नहीं हुआ दाह संस्कार





बीकानेर संभाग चूरू. चूरू (Churu) जिले की राजगढ़ तहसील के गांव रामपुरा में साढ़े आठ महीने की गर्भवती महिला (Pregnant woman) रचना की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हैं. 72 घंटे बाद भी मृतका के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. शव रामपुरा गांव के अस्पताल की मोर्चरी के डीप फ्रीज में रखा हुआ है. आज दिनभर धरनास्थल पर हालात तनावपूर्ण रहे. शाम को विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने परिजनों की मौजूदगी में जिला कलक्टर से बातचीत की, लेकिन वह बेनतीजा रही. अब सोमवार को बड़ा धरना-प्रर्दशन किया जाएगा. कयास लगाया जा रहे है कि उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की अगुवाई में यहां करीब 5 हजार लोग जुटेंगे. आज धरनास्थल पर राजगढ़ के पूर्व विधायक मनोज न्यांगली अपने सर्मथकों के साथ बैठे थे, तभी राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनियां के पहुंचने के बाद हालात बिगड़ गए और वहां पुलिस पर पथराव शुरू हो गया. विधायक कृष्णा पूनियां का कहना है कि मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास करते हुए उन पर पूर्व विधायक मनोज न्यांगली के सर्मथकों ने पथराव किया. पत्थरबाजी के दौरान पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ हटाई. पथराव में राजगढ़ सीआई सहित दो पुलिसकर्मी व एक ग्रामीण महिला घायल हो गए. मामला शांत होने के बाद विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ धरनास्थल पर पहुंचे और परिजनों के साथ धरने पर बैठ गए. जिसके बाद जिला कलक्टर प्रदीप के गांवडे और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के साथ परिजनों की वार्ता हुई लेकिन वह विफल रही.
1. परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए,
2. रामपुरा अस्पताल स्टाफ को सस्पेंड किया जाए,
3. चिकित्सक के खिलाफ डबल मर्डर का मुकदमा दर्ज हो,
शनिवार को परिजनों की यह थी मांग
1. आरोपी डॉक्टर को सस्पेंड कर पूरे स्टाफ को हटाया जाए
2. 108 एंबुलेंस की व्यवस्था करने
3. मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाने
4. पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए.
मुआवजे की बात पर कोई हल नहीं निकलने पर ग्रामीणों ने संघर्ष समिति का गठन कर बेमियादी धरना शुरू कर दिया, जो देर रात तक जारी था. मृतका का शाम को पोस्टमार्टम तो करवाया, परंतु पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने की मांग को लेकर ग्रामीण अड़े रहे और शव नहीं उठाया. थानाधिकारी सुभाषचंद्र व नायब तहसीलदार रूपचंद ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और उनकी तीन मांगें डॉक्टर व स्टाफ को हटाने, 108 एंबुलेंस की व्यवस्था करने, मृतका का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाने पर सहमति जताई. इधर, ग्रामीण पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने की बात पर अड़े रहे.
यह है मामला
शुक्रवार को रामपुरा के आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आई 25 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी. मृतका के पति राजेंद्र उर्फ राजू मीणा ने बताया कि शुक्रवार को उनकी गर्भवती पत्नी रचना को दिखाने के लिए आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉ. भीमराज ने जांच कर रिपोर्ट सही बताई. वह पत्नी को लेकर घर चले गए. घर पहुंचने के बाद रचना को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो वह उसे लेकर फिर अस्पताल पहुंचे. डॉ. भीमराज ने कहा कि स्थिति सामान्य है, प्रसव हो जाएगा. डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया और उसके बाद रचना की तबीयत बिगड़ गई. उसके मुंह व कान से खून आने लगा. स्थिति देख डॉक्टर वहां से भागने लगा.
डॉक्टर को रोकने का प्रयास किया तो उसने रचना को राजगढ़ रेफर कर दिया. आरोपी डॉक्टर ने एंबुलेंस भी नहीं दी. निजी वाहन से रचना को राजगढ़ ले जाया गए, जहां से उन्हें चूरू रेफर कर दिया. चूरू जाते समय रास्ते में मौत हो गई. चूरू में डॉक्टरों ने रचना को मृत घोषित कर दिया. पीड़ित ने बताया कि डॉ. भीमराज की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हुई है. घटना को लेकर जगदीश की रिपोर्ट पर हमीरवास थाने में मामला दर्ज हुआ.


