
बीकानेर जिले की इन ग्राम पंचायतों का आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना में किया चयन




बीकानेर जिले की इन ग्राम पंचायतों का आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना में किया चयन
आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना में जिले की पांच ग्राम पंचायतों का किया चयन
कोलायत की हदां व गुढ़ा, डूंगरगढ़ की बाढेला, बीकानेर की कोलासर और पूगल की रामनगर ग्राम पंचायत का किया चयन
आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना को लेकर उप मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद ने ली समीक्षा बैठक
बीकनेर। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों और जीवनशैली को आमजन का अभिन्न हिस्सा बनाना है।
डॉ. बैरवा मंगलवार को शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2025-26 के अंतर्गत आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के संबंध में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में निरोगी रहने, रोगों की रोकथाम करने और प्रकृति आधारित उपचार पद्धतियों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक प्राकृतिक और संतुलित जीवनशैली अपनाकर स्वस्थ, सशक्त और ऊर्जा से भरपूर जीवन जी सके।
प्रत्येक जिले की पांच-पांच ग्राम पंचायतों का चयन
आयुर्वेद विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री सुबीर कुमार ने बताया कि आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के पहले चरण में प्रत्येक जिले की 5 ग्राम पंचायतों का चुनाव किया गया हैं। राज्य भर में कुल 210 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसके बाद आयुष्मान आरोग्य मंदिर वाली सभी करीब 2000 ग्राम पंचायतों को इसमें सम्मिलित किया जायेगा। इन पंचायतों में 18 स्वास्थ्य सूचकांकों पर काम किया जायेगा और इन सूचकांकों की पूर्ण पालना वाली ग्राम पंचायतों को 11 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जिले की इन ग्राम पंचायतों का किया गया है चयन
आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ सागर मल शर्मा ने बताया कि आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के पहले चरण में कोलायत की दो ग्राम पंचायत हदां व गुढ़ा, डूंगरगढ़ की बाढेला, बीकानेर की कोलासर और पूगल की रामनगर ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है। उपनिदेशक ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के जरिए स्वास्थ्य में सुधार करके ग्रामीण क्षेत्र में आमजन का आहार विहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या, प्रकृति परीक्षण आदि 18 प्रकार का स्वास्थ्य सूचकांकों के माध्यम से समाज को निरोगी बनाना है। 18 सूचकांकों पर शत प्रतिशत प्राप्ति पर 11 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना को सफल बनाने में चिकित्सा, शिक्षा, पंचायती राज, सांख्यिकी, सूचना जनसंपर्क, वन महिला एवं बाल विकास की सहभागीदारी रहेगी।
आरोग्य सखी से होगा गाँव-गाँव आयुष्मान
डॉ सागर मल शर्मा ने बताया कि पांचों ग्राम पंचायतों में आरोग्य मित्र एवं आरोग्य सखियों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा। वे वरिष्ठ नागरिकों, बालिकाओं, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को वनौषधि परिचय, घरेलु उपचार, आहार-विहार, योग व्यायाम, बीपी व ब्लड शुगर मॉनिटरिंग, नशामुक्ति जैसे सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों का ध्यान रखेगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान इस योजना की जिले की नोडल अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंचायती राज श्रीमती प्रियंका तिलानिया, जिले में आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ सागर मल शर्मा, सहायक नोडल अधिकारी डॉ रिडमल सिंह राठौड़, सहायक निदेशक डॉ जितेन्द्र सिंह भाटी, समेत पंचायती राज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।




