
इन 17 विभागों की होगी इस तरह निगरानी,जानिये पूरा सिस्टम





जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के लिए ‘पब्लिक सर्विस डिलीवरी मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क’ बनाया है. इस फ्रेमवर्क के माध्यम से सरकार ने अफसरों पर शिकंजा कसने जा रही है. फ्रेमवर्क पर खरा उतरने वाले अफसरों और विभागों को रैंकिंग दी जाएगी. इसी आधार पर पुरस्कार और दंड का प्रावधान होगा।
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग ने इस पब्लिक सर्विस डिलीवरी मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क को बनाया है. इस फ्रेमवर्क के तहत 17 विभागों के लिए 100 सूचक (इंडिकेटर) निर्धारित किये गये हैं. मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क के माध्यम से सरकार की ओर से निर्धारित प्राथमिक योजनाओं पर ध्यान केन्द्रीत करने के साथ-साथ अधिकारियों के कार्य में पारदर्शिता आयेगी. इसके साथ ही उच्च स्तर से लेकर नीचे के स्तर तक लोक सेवकों की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।
सूचकों के आधार पर ग्रेडिंग और रैंकिंग दी जाएगी
इस फ्रेमवर्क के माध्यम से विभिन्न विभागों के मुख्य निष्पादन सूचकों के आधार पर प्रत्येक जिले और ब्लॉक को ग्रेडिंग और रैंकिंग दी जा सकेगी. इसके लिए सभी विभागों के पोर्टल से डाटा ऑनलाइन लिया जाएगा. मुख्य सचिव ने कहा कि इस फ्रेमवर्क के माध्यम से प्रमुख 17 विभागों को 100 सूचकों के आधार पर ग्रेडिंग और रैंकिंग दी जाएगी।
इस तरह कार्य करेगा फ्रेमवर्क
गुड गवर्नेंस मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क से डेटा की रियल टाइम अवेलिबिलिटी सुनिश्चित की जा सकेगी. फ्रेमवर्क को इस तरह डिजाइन किया गया है कि मुख्यमंत्री, विभागीय सचिव, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और ब्लॉक स्तर तक विभागों की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर किये गये औचक निरीक्षण या अन्य निरीक्षणों की फ्रेमवर्क पर दिये गये गूगल फॉर्म के माध्यम से मॉनिटरिंग की जा सकेगी. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि सरकार का उद्देश्य संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सरकार के साथ गुड गवर्नेंस को सुनिश्चित करना है।

