शिक्षकों की मांगों को लेकर कल जिला मुख्यालय पर होगा विरोध प्रदर्शन
खुलासा न्यूज, बीकानेर। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) द्वारा अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी संघ, स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर क्कस्नक्रष्ठ्र व राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 रद्द करने, ठेका प्रथा व निजीकरण पर रोक लगाने और शिक्षकों के न्यायपूर्ण स्थानांतरण की प्रक्रिया अविलंब शुरू करने, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने, 8वें वेतन आयोग का गठन करने, सभी खाली पदों को भरने आदि मांगों को लेकर कल जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल एवं प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित ने बताया कि गैर शैक्षिक कार्यों के बहिष्कार का आंदोलन राज्यभर में जारी है, प्रशासनिक अधिकारी तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शिक्षकों से जबरन गैर शैक्षणिक कार्य करवा रहे हैं। गैर शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार करने वाले बीएलओ शिक्षकों के खिलाफ नोटिस की कार्यवाही भी हो रही है। जिससे शिक्षकों में भारी रोष है।
जिला मंत्री भंवर सांगवा ने बताया कि राज्य सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। लंबे समय से शिक्षकों के भ्रष्टाचारमुक्त न्यायपूर्ण स्थानांतरण तथा उप प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती न करना इसके स्पष्ट उदाहरण हैं।
जिला संयोजक संघर्ष समिति श्याम देवड़ा ने बताया कि लगातार मंहगाई बढ़ती जा रही है। अधिकांश कर्मचारियों के वेतन का एक बड़ा हिस्सा कज़ऱ् की किस्त अदायगी में ही चला जाता है। इसलिए आठवें वेतन आयोग के गठन करने की मांग जोर पकड़ रही है।
जिला प्रवक्ता अरुण गोदारा ने बताया कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की पेंशन पर कुंडली मारकर बैठी है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मार्फत सार्वजनिक शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। शिक्षा पर निरंतर घटते खर्च और भ्रष्टाचार के चलते केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में स्थाई भर्ती नहीं हो रही है। जिसके विरुद्ध स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर कल जिला मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।